
दरअसल वानखेड़े तीन दिन पहले 2 साल की मासूम के साथ रेप की घटना का संज्ञान लेने सागर स्थित बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज पहुंची थी। यहां भर्ती मासूम के परिजनों से चर्चा के बाद मासूम के साथ खींचे गए कुछ फोटो अपने एफबी अकाउंट से वायरल कर दिए।
कानून के जानकार कहते हैं कि ऐसे मामलो में रेप पीड़िता की किसी भी पहचान को गोपनीय रखा जाता हैं। तस्वीर दिखाना तो कानूनन जुर्म है। हॉस्पिटल में पीड़िता के साथ खड़े होकर आयोग की अध्यक्ष का खींची गई तस्वीरों को सोशल मीडिया पर डालना विधि संगत नही है।
बता दें की तीन दिन पहले 2 साल की मासूम को एक अज्ञात आरोपी उस वक्त उठाकर ले गया था, जब वह मां-बाप के बीच में सो रही थी। आरोपी थोड़ी दूर पहाड़ी पर मासूम के साथ घिनौने कृत्य को अंजाम देकर, उसे मरता छोड़ फरार हो गया था।