आनंद ताम्रकार/बालाघाट। एनजीटी ने मप्र के मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन को आदेशित किया है कि वो 20 सितम्बर 2017 को स्वयं प्रस्तुत होकर बताएं कि प्रदेश के तालाबों से अतिक्रमण हटे या नहीं। एनजीटी ने इससे पूर्व याचिका क्रमांक 04/2015 के संदर्भ में आदेशित किया था कि तालाबों फुलटेंक लेवल (एफटीएल) से 30 मीटर क्षेत्र की परिधि में किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति ना दी जाए एवं यदि कहीं कोई निर्माण है तो उसे हटाएं।
याचिका के सुनवाई के दौरान आवेदक सुरेश कोचर की ओर से विगत 2 वर्षो के अंतराल में माननीय प्राधिकरण द्वारा मध्यप्रदेश में स्थित समस्त जल निकायों से अतिक्रमण हटाकर पूर्व स्थिति में संरक्षित किये जाने एवं बालाघाट नगर के माध्यम स्थित शासकीय देवी तालाब खसरा नंबर 319 के रकबे में स्थित भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने संबंधित जारी किये गये 9 आदेशों का अनुपालन नही किये जाने के कारण राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण अधिनियम 2010 की धारा 26,27 एवं 28 के तहत संबंधित पक्षों के विरूद्ध आदेश की अवमानना किये जाने की कार्यवाही हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसकी सुनवाई 20 सिंतबर 2017 को नियत की गई है।
अवमानना की कार्यवाही हेतु जिला कलेक्टर, नगर पालिका परिषद बालाघाट, मध्यप्रदेश राजस्व विभाग, एप्को मध्यप्रदेश प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मध्यप्रदेश ग्राम नगर निवेश को पक्षकार बनाया गया है।