
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयकर विभाग ने बिना आधार नंबर लिंक कराए रिटर्न स्वीकार करने से इंकार कर दिया था लेकिन आधार और पैन के डॉटा में ढेरों मिस मैच के कारण लोग 31 जुलाई तक आयकर रिटर्न नहीं भर पाए। इसके बाद विभाग ने बिना आधार के रिटर्न स्वीकार करना शुरू कर दिया। साथ ही आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि भी बढ़ाकर 5 अगस्त कर दी। इसके बाद लोग लगातार आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं।
विभाग के सूत्र बताते हैं कि 50 फीसदी लोगों ने वित्तीय वर्ष 2016-17 का रिटर्न बिना आधार लिंक कराए ही फाइल किया है। इनमें वे लोग भी शामिल हैं जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पहले यानी एक जुलाई से पहले ही आयकर रिटर्न फाइल कर चुके थे। विभाग के अनुसार इन सभी आधार कार्ड को पैनकार्ड से लिंक कराना होगा।
8 नवंबर को नोटबंदी घोषित होने के बाद 31 दिसंबर की तिमाही में अपने रिटर्न को रिवाइज करने वाले कारोबारी संदेह के घेरे में हैं। आयकर विभाग बैंक स्टेटमेंट के आधार पर इन कारोबारियों को नोटिस भेज रहा है। विभाग ने अपने नोटिस में पूछा है कि आखिर वह क्या वजह थी जिसके चलते उन्हें अपना रिटर्न रिवाइज करना पड़ा। इन मामलों में कारोबारियों ने पुराने नोटों में जमा धन को शो करने के लिए कैश इन हैंड बढ़ाया था।
राजधानी में करीब 20 हजार से अधिक लोग ऑडिट रिटर्न फाइल करते हैं। इनमें ज्यादातर व्यापारी और उद्यमी हैं। इनके लिए ऑडिट रिटर्न की अंतिम तिथि 30 सितंबर है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि ये लोग आधार लिंक कराने के बाद ही रिटर्न फाइल करें। हो सकता है कि अभी ये रिटर्न फाइल हो जाएं। लेकिन आगे चलकर उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। राजधानी में करीब 40 हजार रजिस्टर्ड ट्रेडर हैं। इनमें 20 हजार ऑडिट रिटर्न फाइल करते हैं।
गलतफहमी में न रहें
ज्यादातर लोगों को गलतफहमी है कि उनका आयकर रिटर्न बिना आधार लिंक कराए ही फाइल हो गया है। अब उन्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है। लेकिन वे जान लें कि अगर उन्होंने 31 अगस्त तक पैन को आधार से लिंक नहीं कराया तो उनका रिटर्न निरस्त हो जाएगा। चाहे यह रिटर्न 1 जुलाई के पहले ही फाइल हो चुका हो।
राजेश जैन, उपाध्यक्ष, टैक्स लॉ बार एसोसिएशन भोपाल