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देररात मल्हारगढ़ क्षेत्र में मक्खन ढाबे के सामने चार युवक एक कार रोककर सड़क पर खड़े थे। चारों नशे में धुत थे और तेज आवाज में म्युजिक बजाते हुए सड़क पर डांस रहे थे। इसी दौरान मल्हारगढ़ थाना क्षेत्र में पदस्थ आरक्षक भूपेंद्र सिंह अपने दोस्त के साथ खाना खाने ढाबे पर पहुंचा। उसने जब इन्हें समझाने की कोशिश की तो वो विवाद करने लगे।
विवाद के दौरान आरक्षक अचानक अपना मोबाइल निकालकर 100 डायल करने लगा। यह देखते ही चारों ने उससे मोबाइल छीन लिया और उसे जबरदस्ती कार में बैठाकर कार मंदसौर की तरफ ले भागे। यह देख सड़क से गुजरने वाले लोग हैरान रह गए। भूपेंद्र के एक साथी ने तत्काल फोन लगाकर मल्हारगढ़ थाने और कंट्रोल रूम को सूचना दी।
पुलिस आरक्षक के अपहरण की बात सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। तत्काल पुलिस के आला अधिकारियों ने मल्हारगढ़ के साथ-साथ मंदसौर के सभी थानों के स्टॉफ को अलर्ट कर दिया। उधर, कार में बंधक आरक्षक लगातार उन चारों को समझाने की कोशिश कर रहा था। वो यह मानने को तैयार नहीं थे कि भूपेंद्र पुलिस आरक्षक है, इस पर उसने अपना आईडी कार्ड निकालकर उन्हें बताया।
कार्ड देखकर नशेड़ियों के होश उड़ गए, तब तक उनकी गाडी पिपलिया मंडी चौपाटी तक पहुंच गई थी। चौपाटी पहुंचकर उन्होंने गाड़ी रोकी और भूपेन्द्र को उतारकर मंदसौर की तरफ भाग गए। यहां से आरक्षक ने डायल100 के चालक प्रदीप सिंह को सूचित किया इसके बाद मल्हारगढ़ पुलिस ने पिपलिया मंडी चौपाटी पहुंच कर आरक्षक भूपेंद्र सिंह को अपने साथ लिया और कंट्रोल रूम को सूचना दी।
इधर, सेट पर मिली सूचना पर सिटी कोतवाली सब इंस्पेक्टर संदीप सिंहमंगोलिया ने मंदसौर रामटेकरी क्षेत्र में नाकाबंदी कर दी। यहां जैसे ही संदिग्ध गाडी आते देखी पुलिस ने गाडी रोककर तीन को गिरफ्तार कर लिया। मल्हारगढ़ थाना प्रभारी बीएल सोलंकी ने बताया कि आरोपी गजेंद्र ग्वाला, सतीश कुमावत, आज़ाद कुमावत को गिरफ़्तार कर कार जब्त कर ली गई है, जबकि एक साथी राजेश कुमावत अभी फरार है। आरोपियों के खिलाफ धारा 365,323,294,506,34 आईपीसी में प्रकरण दर्ज किया गया है।