
घटनाक्रम मोतीनगर थाना क्षेत्र के पंडापुरा इलाके का है। यहां रहने वाले देवेंद्र सुरेलिया (47) ने अपने मानसिक व शारीरिक कमजोर रूप से बेटे कौशिक (18) के साथ मौत को गले लगा लिया। जिस समय ये घटना हुई घर पर इन बाप-बेटों के अलावा कोई नहीं था। देवेंद्र की पत्नी मायके गई थी। पुलिस को देवेंद्र के घर से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें देवेंद्र ने लिखा है कि वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और नि:शक्त बेटे की देखरेख में खुद को सक्षम नहीं पाते हुए यह कदम उठा रहा है। पुलिस के मुताबिक कौशिक पैरों पर खड़ा भी नहीं हो सकता था इसलिए संभव है कि देवेंद्र ने पहले उसे फांसी पर लटकाया होगा। फिर खुद फांसी लगाई होगी।
घर पहुंची तो देखा पति और बेटे दुनिया छोड़ चुके हैं।
पुलिस के अनुसार देवेंद्र की पत्नी का नाम मीना है। मीना से उसका दूसरा विवाह हुआ था। उसकी पहली पत्नी की करीब 15 साल पहले मृत्यु हो गई थी। दूसरी पत्नी से उसके एक लड़का व एक लड़की थे। जानकारी के मुताबिक मीना कुछ दिन पहले ही देवेंद्र और कौशिक को छोड़कर मायके चली गई थी। इस बीच सोमवार शाम को वह उससे मिलने मायके पहुंचा था। जहां पति-पत्नी में तय हुआ कि वह देर रात को लौटेगी लेकिन उसे तनिक भी अंदेशा नहीं हुआ कि उसके घर पहुंचने से पहले ही उसका पति और सौतेला बेटा फांसी पर लटके मिलेंगे।
मीना के अनुसार वह जब घर पहुंची तो देवेंद्र व कौशिक घर के एक कमरे में फांसी पर लटके थे। जानकारी के मुताबिक देवेंद्र ने सिविल लाइन स्थित एक गैस रीफिल एजेंसी में लंबे समय तक काम किया था। करीब दो साल पहले उसकी ये जॉब छूट गई थी। इसके बाद वह छोटे-मोटे काम करने लगा था। फिलहाल वह जिला अस्पताल रोड पर खुले एक नए रेस्टोरेंट में नौकरी कर रहा था।
कई घंटे पहले ठान चुका था फांसी लगाने की
देवेंद्र के परिजनों के अनुसार उसने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कई घंटे पहले ठान ली थी। ऐसा इसलिए माना जा सकता है कि क्योंकि वह सोमवार दोपहर-शाम को अपने सभी भाई-बहन, ससुराल पक्ष के लोगों से मिला था।