भोपाल। सरकारें व्यापक जनहित में फैसले लेने के लिए बनाई जातीं हैं परंतु मप्र की शिवराज सिंह सरकार पार्ट 3 में फैसले जनहित के लिए कम कारोबारियों के हित के लिए ज्यादा लिए गए। इन फैसलों को नाम जनहित का दिया गया। अब एक नया फैसला होने जा रहा है। पेट्रोल/डीजल पर अंधाधुंध टैक्स थोप चुकी शिवराज सिंह सरकार टैक्स घटाने वाली है। कारण आम जनता का हित नहीं बल्कि कारोबारियों की चिंता है। दरअसल, मप्र में पेट्रोल/डीजल की बिक्री में काफी गिरावट आई है। वर्ष 2015-16 की तुलना में 2016-17 में 110382 किलोलीटर डीजल कम बिका। पंप संचालक हड़ताल की बात कर रहे हैं और सरकार टैक्स घटाने की तैयारी।
मप्र पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ने 11 सदस्यीय कमेटी बनाई है जो वैट कम करने को लेकर मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से बात करेगी। यदि वेट कम नहीं किया गया तो 2 अक्टूबर से आंदोलन किया जाएगा। आंदोलन में ट्रांसपोर्टर और किसान संगठन भी शामिल होंगे। मप्र पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ने शनिवार को इंदौर में हुए एक सम्मेलन में वैट कम कराने के लिए सरकार से सीधी बात करने का फैसला किया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि इसके लिए 11 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी के मेंबर एक सप्ताह में मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री से मुलाकात कर वैट कम करने की मांग करेंगे। भोपाल में डीजल की कीमत दो महीने में 60 से 64 रुपए के आसपास है।