भोपाल। 17 अगस्त की शाम भोपाल पहुंच रहे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने अच्छी अच्छी तस्वीरें पेश करने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकीं हैं। इधर शिवराज सरकार खुद को सबसे लोकप्रिय सरकार साबित करेगी तो उधर नंदकुमार सिंह चौहान अपने मैनेजमेंट को सबसे उम्दा बताएंगे। पूरा कार्यक्रम इस तरह से तय किया गया है कि अमित शाह किसी भी स्थिति में किसी नाराज या विरोधी के सामने तक ना पहुंच पाएं परंतु मैनेजर्स के लिए दुखद खबर यह है कि उनके साथ उनकी एक प्राइवेट खुफिया टीम भी आ रही है। ये लोग आम कार्यकर्ताओं में घुलमिल जाएंगे और फीकबैक लेंगे।
इसके अलावा वरिष्ठ नेताओं की पांच से सात लोगों एक टीम अमित शाह की बैठकों से अलग संगठन के नेताओं से बातचीत करेगी और फीडबैक लेगी। इस टोली में प्रदेश के पूर्व संगठन महामंत्री अरविंद मेनन समेत कई दूसरे चेहरे भी होंगे।
खबर आ रही है कि अमित शाह के साथ आ रहे कुछ लोग बैठकों में शामिल न होकर बाहर संगठन के नेताओं से चर्चा करेंगे। इसे लेकर भी पार्टी नेताओं के बीच काफी चर्चा भी है। सूत्रों के मुताबिक अमित शाह जिस राज्य के दौरे पर जाते हैं, यह टीम उनके साथ जाती है। दौरे के बाद शाह को यह टोली राज्य से जुड़े मसलों पर एक रिपोर्ट भी सौंपती है।
घोषित रूप से अमित शाह के साथ राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे और विभागों व आयामों के राष्ट्रीय प्रमुख अरविंद मेनन तो होंगे ही, इसके अलावा उनकी विशेष टीम के अभिषेक चौधरी, आईटी सेल के राष्ट्रीय प्रमुख अमित मालवीय, संजय राणा समेत पांच लोग होंगे।
इन मुद्दों पर लेगी फीडबैक
किसान आंदोलन, गवर्नेंस, भ्रष्टाचार, प्रदेश का राजनीतिक माहौल और कार्यकर्ताओं की सक्रियता को लेकर टीम अलग-अलग लोगों से बातचीत करेगी। कुल मिलाकर अमित शाह के दौरे के दौरान 3 दिन तक जितने कार्यकर्ता एवं नेता भाजपा कार्यालय के आसपास होंगे। सबके मन की बात संग्रहित हो जाएगी। भले ही उनकी मुलाकात अमित शाह से हो या ना हो लेकिन उनके मन की बात अमित शाह तक जरूर पहुंच जाएगी।