जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने दो से अधिक संतान होने के कारण जबलपुर के ट्रेनी एडीजे अशरफ अली और ग्वालियर के ट्रेनी एडीजे मनोज कुमार को बर्खास्त कर दिया है। रजिस्ट्रार जनरल मो. फहीम अनवर ने बताया कि मध्य प्रदेश शासन की जनसंख्या नीति-2001 का उल्लंघन किए जाने के आधार पर दोनों ट्रेनी जजों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
इन दोनों की प्रशिक्षण अवधि पूर्ण होने के साथ ही नियमित पदस्थापना के आदेश जारी होने वाले थे, हालांकि इससे पहले ही इनकी तीन संतानें होने की शिकायत न्यायिक विभाग को मिल गई।शिकायत में बताया कि इन दोनों ने न्यायिक सेवा में आने के लिए आवेदन से पूर्व तीन संतान होने की जानकारी नहीं दी थी। जांच में यह तथ्य सत्य पाए जाने पर दोनों को बर्खास्त करने की कार्रवाई की गई।
दरअसल, देश में जनसंख्या वृद्धि रोकने वर्ष 2001 में एक कानून बनाया गया था। इसके तहत वर्ष 2001 के बाद वही व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकेगा, जिसके दो बच्चे हैं। दो से ज्यादा बच्चे होने की प्रथम अतिरिक्त जिला न्यायाधीश जबलपुर ट्रेनी जज अशरफ अली के खिलाफ यह शिकायत प्राप्त हुई थी कि उनके दो से अधिक बच्चे है। इनमें से एक बच्चे का जन्म 26 जनवरी के पश्चात हुआ है। इस प्रकार उनके द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम का उल्लंघन किया गया है। इससे पहले ग्वालियर जिला सत्र न्यायालय में पदस्थ चतुर्थ अतिरिक्त न्यायाधीश मनोज कुमार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।