
भार्गव ने इस प्रस्ताव से सहमति जताते हुए कहा कि ये कदम समाज की सोच में बदलाव लाएगा। इसी तरह दिव्यांग से सामान्य व्यक्ति या महिला शादी करते हैं तो उन्हें भी दो लाख रुपए दिए जाएंगे। योजना का लाभ वास्तविक दिव्यांगों को मिले, इसके लिए मेडिकल बोर्ड का प्रमाण-पत्र होना अनिवार्य होगा। साथ ही भौतिक सत्यापन भी कराया जाएगा।
बैठक में अनाथ बच्चों के भरण-पोषण के लिए पांच सौ रुपए मासिक देने की योजना लागू करने पर भी चर्चा हुई। विभाग ने प्रस्ताव दिया कि ऐसे नाबालिग बच्चे जो पूरी तरह परिवारजनों पर निर्भर हैं, उनके भरण-पोषण का पुख्ता इंतजाम किया जाएगा। पांच रुपए प्रतिमाह परिवारजन निकाल सकेंगे।
बैठक में यह बात भी आई कि इसमें गड़बड़ी न हो, इसके लिए क्या शर्तें रखी जाएंगी। राशि कौन निकालेगा। इस पर अधिकारियों ने कहा कि परिजनों को हम राशि निकालने का अधिकार देंगे। हमें कहीं न कहीं भरोसा तो करना पड़ेगा। प्रदेश में ऐसे बच्चों की संख्या तीन हजार के आसपास बताई जा रही है। सामाजिक न्याय मंत्री गोपाल भार्गव ने इस योजना को भी हरी-झंडी दे दी।