इंदौर। पुलिसकर्मियों द्वारा चोरी के केस में फंसाकर अवैध वसूली करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिसवालों ने चोर की मदद से व्यवसायी को सोना खरीदने बुलाया और रंगे हाथ पकड़ लिया। चोरी के आरोप में फंसाने की धमकी दी और पांच घंटे तक बंधक बनाए रखा। आरोपियों ने उससे 20 हजार रुपए वसूल भी कर लिए। गिरोह में एमजी रोड थाने के पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। लोधीपुरा निवासी सुनील कुमार नीमा उनके परिचित बालू भैया की मदद से 12 सितंबर को डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र के पास पहुंचे और पुलिसकर्मियों व बदमाशों के संगठित गिरोह द्वारा ब्लैकमेल करने की शिकायत दर्ज करवाई।
नीमा ने अफसरों को बताया कि वे ऑटो डील पर गाड़ियां खरीदने-बेचने का व्यवसाय करते हैं। कुछ दिनों पहले दोस्त नवीन मालवीय (प्रॉपर्टी ब्रोकर) का कॉल आया। उसने कहा उसके परिचित मुन्ना के पास कुछ सोना है। वह बाजार भाव से कम दामों में बेचना चाहता है। मुन्ना ने नीमा से बात की और राजवाड़ा स्थित तांगा स्टैंड बुलाया। नीमा और मालवीय जैसे ही सोना देखने लगे तीन पुलिसवाले आ धमके। उन्होंने चोरी का माल खरीदने का आरोप लगाया और गिरफ्तार करने की धमकी दी। पुलिस वाले पूछताछ के बहाने उन्हें ज्योतिबा फूले मार्केट में ले गए। यहां नीमा के साथ मारपीट की और 80 हजार रुपए की मांग की।
वीडियो रिकॉर्डिंग की और दूसरे दिन रुपए लेकर बुलाया
मालवीय ने रोते हुए पत्नी को कॉल किया और कहा कि वह मुसीबत में पड़ गया है। उसे तत्काल रुपए की जरूरत है। पत्नी ने कार मालिक से रुपए उधार लिए और पुलिसकर्मियों को 20 हजार रुपए दिए। शेष रुपए के लिए आरोपी पांच घंटे तक इधर-उधर घुमाते रहे। इस बीच उनके साथ मारपीट की और मोबाइल में बयानों का वीडियो भी बनाया। आरोपियों ने दूसरे दिन रुपए लेकर आने की धौंस दी और पांच घंटे बाद छोड़ दिया।
क्राइम ब्रांच को नहीं मिले ब्लैकमेलर, फरियादी ने थाने में पहचाना
डीआईजी ने क्राइम ब्रांच को कार्रवाई के निर्देश दिए। दूसरे दिन फरियादी अफसरों के साथ राजवाड़ा पहुंचा और रुपए देने के लिए बुलाया लेकिन शंका होने पर आरोपियों ने आने से इनकार कर दिया। पीड़ित ने आरोपियों के नंबर भी दिए। इसके बावजूद क्राइम ब्रांच उन्हें ढूंढ नहीं सकी। शुक्रवार को फरियादी थाने पहुंचा और एक पुलिसकर्मी की शिनाख्त कर ली। उसका आरोप है कि वारदात में शामिल एक पुलिसकर्मी वर्दी में था। उसके पास रायफल भी थी।
कड़ी कार्रवाई करेंगे
संदिग्धों के मोबाइल नंबर की जांच की जा रही है। वारदात में शामिल आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अमरेंद्र सिंह, एएसपी (क्राइम ब्रांच)