![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjMnhBba_O2M-RXu9PFxqZ9LJ-0xe8_e_D76VnX5glDczYbiRgFFviDi8Yp1OCsqS4cNm3XeVDTP1vH4OaLYwC4GEsiaVl9dYmPUmVHp1LbRkK4tOrxOkX4KLs7tNGhddEprQHXkt8p7II-/s1600/55.png)
व्यापारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'प्याज मिस्र से आयात हो रहा है। निजी व्यापारियों ने पहले ही 2,400 टन के लिए ऑर्डर किया हुआ है। खेप मुंबई बंदरगाह पर उतर रही है।' उन्होंने कहा कि प्याज के आयात की 9,000 टन की एक और खेप के जल्द आने की उम्मीद है। अगर प्याज की कीमतों में असामान्य ढंग से आगे और वृद्धि होती है तो निजी व्यापारियों को पड़ोसी देशों से और आयात को तैयार रहने को कहा गया है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव अविनाश के श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक में आयात संबंधी मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। वाणिज्य और कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और निजी व्यापारी इसमें उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि सरकार निजी व्यापार के जरिए आयात की सुविधा देगी। उन्होंने कहा, 'प्याज के आयात के लिए सार्वजनिक व्यापार एजेंसियों को साथ लेने का अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है।'
अधिकारी ने यह भी कहा कि प्याज के मूल्य में तेजी सट्टेबाजी की वजह से है क्योंकि बुनियादी स्थिति ऐसी तेजी का कारण नहीं हो सकती। खरीफ की नई फसल पिछले वर्ष से कहीं बेहतर है। उन्होंने कहा कि राज्यों को सट्टेबाजी को रोकने के लिए प्याज व्यापारियों पर स्टॉक रखने की सीमा को लागू करने को कहा गया है और प्याज के निर्यात को रोकने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है।