नीमच। शहर के प्रतिष्ठित कारोबारी परिवार के बेटे सुमित राठौर अपनी पत्नी अनामिका सहित सन्यास लेने के लिए रवाना हो गए हैं। 23 सितम्बर को साधुमार्गी जैन आचार्य रामलाल महाराज के सानिध्य में गुजरात के सूरत शहर में इनकी दीक्षा होगी। समाज में सुमित व अनामिका के प्रति श्रृद्धा का भाव है। दरअसल, सुमित ने लंदन से एक्सपोर्ट-इंपोर्ट में डिप्लोमा लिया और कारोबार जमाया। उनकी फैक्ट्री में 100 कर्मचारी काम करते हैं। 4 साल पहले उन्होंने अनामिका से विवाह किया। अनामिका भी इंजीनियरिंग है। उनके पास 3 साल की मासूम बेटी है। अब वो सबकुछ छोड़कर सन्यास ले रहे हैं।
राजसी जीवन छोड़ कर दीक्षा लेने वाली अनामिका और उनके पति सुमित राठौर नीमच शहर के एक प्रतिष्ठित और बड़े बिजनेस घराने से हैं। दोनों की शादी चार साल पहले ही हुई और दंपत्ति की करीब तीन साल की बेटी इभ्या है। बावजूद इसके दंपत्ति ने सांसारिक जीवन को कम उम्र में ही त्यागने का फैसला ले लिया। परिवार सहित समाज और उनसे जुड़े लोगों ने दोनों को खूब समझाया, लेकिन दोनों दीक्षा लेने की बात पर अडिग ही रहे और गुरुवार को परिवारजनों और समाजजनों से विदाई लेकर वे दीक्षा के लिए रवाना हो गए।
सुमित राठौर लंदन से एक्सपोर्ट-इंपोर्ट में डिप्लोमाधारी है। दो साल लंदन में जॉब करने के बाद नीमच लौटे और फिर अपना कारोबार को संभाला। सुमित की फैक्ट्री में 100 लोग काम करते हैं, जिसकी कीमत 10 करोड़ रुपए है और बेशकीमती जमीनों के साथ बड़ा कारोबार भी है।
पत्नी अनामिका बचपन से काफी होनहार छात्रा रही थी। 8वीं, 10वीं और 12वीं में राजस्थान बोर्ड में टॉप करने के बाद उसने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। हिंदुस्तान जिंक में 8-10 लाख के सालाना पैकेज पर नौकरी शुरू की लेकिन 2012 में सगाई के बाद जॉब छोड़ दिया और सुमित के साथ विवाह बंधन में बंध गई और अब सुमित के ही साथ दीक्षा लेने जा रही हैं।