हैदराबाद। आम इस्तेमाल की 30 वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में शनिवार को कटौती की गई, जबकि मध्य और उच्च खंड की कारों पर सेस में बढ़ोतरी की गई। साथ ही रिटर्न दाखिल करने में आ रही तकनीकी गड़बड़ियों को देखने के लिए एक पांच-सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। परिषद की बैठक में धूप बत्ती, प्लास्टिक रेनकोट, रबड़ बैंड, झाडू, इटली/डोसा बाटर से लेकर रसोई में काम आने वाले गैस लाइटर जैसे दैनिक उपभोग की 30 वस्तुओं पर जीएसटी दर कम करने का भी फैसला किया गया। इन वस्तुओं की दरों में विसंगतियां सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने परिषद की यहां आठ घंटे चली बैठक के बाद कहा कि मध्यम श्रेणी की कारों पर दो प्रतिशत, बड़ी कारों पर पांच प्रतिशत और एसयूवी पर सात प्रतिशत अतिरिक्त उपकर लगाने का फैसला किया गया।
इस कारों पर नहीं लगेगा एक्सट्रा उपकर
इन वाहनों पर पहले लागू उपकर में दो से सात प्रतिशत तक उपकर और जुड़ जायेगा इससे इन वाहनों पर कुल कराधान जीएसटी से पहले के स्तर तक पहुंच गया है। जेटली की अध्यक्षता वाली परिषद ने हालांकि हाइब्रिड कारों और 1200 सीसी तक की पेट्रोल-डीजल से चलने वाली छोटी कारों पर अतिरिक्त उपकर नहीं लगाने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि अतिरिक्त उपकर लागू होने की तिथि बाद में अधिसूचित की जाएगी। कारोबारियों द्वारा अपने ब्रांड का पंजीकरण समाप्त कराने की समस्या पर भी बैठक में विचार किया गया। इसमें कहा गया कि 15 मई 2017 को जो ब्रांड पंजीकृत होगा उसपर जीएसटी लगाया जाएगा। फिर चाहे इस तिथि के बाद उस ब्रांड का पंजीकरण रद्द ही क्यों न करा दिया गया हो।
उल्लेखनीय है कि बिना ब्रांड वाले खाद्य उत्पादों को जीएसटी के तहत छूट दी गयी थी। जबकि पैकिंग वाले ब्रांडेड खाद्य उत्पादों पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया गया था। यही वजह है कि कई उद्यमियों ने जीएसटी से बचने के लिए अपने उत्पादों का ब्रांड पंजीकरण रद्द करवाना शुरू कर दिया।
जेटली ने बताया कि सूखी इमली, खली, धूपबत्ती, प्लास्टिक से बने रेनकोट, रबर बैंड, किचन गैस लाइटर तथा ऐसे ही कुछ अन्य दैनिक उपभोग वाले 30 सामानों पर जीएसटी दर कम की गयी है। जेटली ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की छोट कारें जीएसटी लागू होने के बाद तीन प्रतिशत सस्ती हुई हैं। इनके मामले में यथास्थिति रहेगी।
ऐसे में उपभोक्ताओं को इनका लाभ मिलने मिलता रहेगा, लेकिन मध्यम श्रेणी की कारों पर कुल कर का बोझ 48 से घटकर 43 प्रतिशत रह गया था जिसे परिषद ने दो प्रतिशत बढ़ाकर 45 कर दिया। बड़ी कारों पर आठ प्रतिशत का फायदा हो रहा था उन पर वापस 5 प्रतिशत उपकर बढ़ा दिया गया है। इसी प्रकार एसयूवी वाहनों पर 11 प्रतिशत तक कर में फायदा हो गया था। परिषद ने इसमें सात प्रतिशत की ही वृद्धि की है। ‘‘हमारे पास अतिरिक्त उपकर 10 प्रतिशत तक बढ़ाने की गुंजाइश थी लेंकिन हमने इसे सात प्रतिशत ही बढ़ाया।’’
जेटली ने कहा कि 10 से लेकर 13 लोगों के बैठने की क्षमता वाले वाहनों पर और हाइब्रिड कारों पर उपकर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जीएसटी परिषद की आज हुई 21वीं बैठक में जुलाई माह की बिक्री रिटर्न यानी जीएसटीआर-1 दाखिल करने की समय सीमा भी एक माह बढ़ाकर दस अक्तूबर कर दिया गया।
देश में जीएसटी व्यवस्था 01 जुलाई से लागू हुई है। इस लिहाज से पहली बार रिटर्न दाखिल की जा रही है। बैठक में अन्य रिटर्न भरने की तिथि को भी आगे बढ़ाया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि अब तक जीएसटी के तहत संग्रहण काफी बेहतर रहा है। पात्र करदाताओं में से 70 प्रतिशत से अधिक ने 95 हजार करोड़ रुपये की रिटर्न दाखिल की है।
जीएसटी लागू होने के बाद कुछ मौकों पर जीएसटी नेटवर्क समस्या खड़ी हुई है। कई कारोबारियों की शिकायत आयी है कि उन्हें रिटर्न भरने में काफी समय लग रहा है। परिषद ने की बैठक में इस मुद्दे पर विचार करते हुए समिति बनाने का फैसला किया जो कि जीएसटीन के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी।
ऐसे कारोबारी जिन्होंने जीएसटी से बचने के लिये अपने ब्रांड का पंजीकरण समाप्त कर दिया है, ऐसें मामले में समिति ने फैसला लिया है कि इसके लिये 15 मई 2017 को कट आफ तिथि तय की गई है। जो भी ब्रांड इस तिथि को पंजीकृत होगा उस पर जीएसटी लगाया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी व्यवसथा में ब्रांड वाले खाद्य पदार्थ पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है जबकि बिना ब्रांड वाले खुले खाद्य पदार्थ पर शून्य जीएसटी रखा गया है। ऐसे में कईव्यापारियों ने जीएसटी से बचने के लिये अपने ब्रांड का पंजीकरण समाप्त करना शुरू कर दिया था। जेटली ने कहा कि खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थ पर जीएसटी नहीं लगेगा जबकि ब्रांड नाम के तहत बिकने वाले खाद्य पदार्थ पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू होगा।
उन्होंने कहा कि खादी ग्रामोद्योग आयोग के स्टोर से बिकने वाले खादी के कपड़ों को जीएसटी से छूट होगी। उन्होंने कहा कि कारीगर सहित अंतरराज्यीय बिक्री कारोबार 20 लाख रुपये से कम होने पर पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा ‘जॉब वर्क’ की कुछ श्रेणियों को भी इस तह की छूट दी गयी है। इसमें सोने को शामिल नहीं किया गया है।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बताया कि जीएसटीआर1,2,3 भरने के मामले में काफी समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि 100 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों को जीएसटीआर-1 भरने की अंतिम तिथि तीन अक्तूबर होगी जबकि अन्य कंपनियों के लिए अंतिम तिथि 10 अक्तूबर होगी।
जुलाई महीने के लिए जीएसटीआर-2 को 31 अक्तूबर तक तथा जीएसटीआर-3 को 10 नवंबर तक दाखिल किया जा सकेगा। जेटली ने कहा कि कारोबारी कंपोजीशन योजना को 30 सितंबर तक अपना सकते हैं।