नई दिल्ली। गुरूग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के भीतर और एक क्लास रूम के बिल्कुल नजदीक बने टॉयलेट में असेंबली टाइम में हुई 7 साल के छात्र की हत्या के मामले ने रेयान इंटरनेशनल ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशन्स (RIGI) को ही संदेह की जद मे ला खड़ा किया है। पूरे देश में इसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। इस अवसर यह बताना प्रासंगिक होगा कि इसकी शुरूआत आगस्टिन एफ पिन्टो ने की थी जो मुंबई में एक प्लास्टिक फैक्ट्री से निकाल दिए गए थे। पिन्टो ने एक गणित की महिला टीचर से लवमैरिज की और स्कूल खोला। उसके बाद तो धंधे की ऐसी धुन सवार हुई कि 35 साल में 130 स्कूल खोल डाले और रेयान इंटरनेशनल को देश के टॉप 10 में दर्ज करवा लिया। सामान्यत: स्कूलों के नाम किसी महापुरुष के नाम पर होते हैं ताकि उनसे प्रेरणा ली जाए परंतु पिन्टो ने अपने स्कूल का नाम संत जेवियर्स से बदलकर अपने बेटे रेयान के नाम पर रख दिया। स्कूल में विशेष मौकों पर पिन्टो एवं उसके परिवार की खुशहाली के लिए विशेष प्रार्थनाएं कराई जातीं हैं।
धंधे की धुन में तेजी से बढ़ता ग्रुप
इस एजुकेशनल ग्रुप की स्थापना आगस्टिन एफ पिन्टो और उनकी पत्नी मैडम ग्रेस पिन्टो ने आज से तकरीबन 30-35 साल पहले की थी। इसके सीईओ आगस्टिन एफ पिन्टो कभी एक छोटी सी प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करते थे और आज अरबों रुपयों के मालिक हैं। आज पूरे देश में रेयान इंटरनेशनल ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशन्स (RIGI) के 130 से ज्यादा स्कूल चलते हैं। इनमें 18 हजार फैकल्टी मेंबर्स काम करते हैं, ये टीचर 2 लाख 70 हजार छात्रों को शिक्षा देते हैं, भारत में इस ग्रुप के 130 से ज्यादा स्कूल हैं, जबकि खाड़ी देशों में भी इस ग्रुप में अपने पांच स्कूल खोल रखे हैं। हर साल 30 हजार बच्चे निकलते हैं। ये संस्थान हर साल अपने स्कूलों की फेहरिस्त में 4 से 5 नये विद्यालय जोड़ता है। इस ग्रुप ने अभी अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, थाइलैंड और मालदीव में एजुकेशन सेक्टर में कई समझौते किये हैं।
जिसे पार्टनर बनाना था उसी से लवमैरिज कर ली
कर्नाटक के मेंगलोर में पैदा हुआ रेयान ग्रुप के फाउंडर आगस्टिन एफ पिन्टो ने चेन्नई के लोयला कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया है। वे तकरीबन 40 साल पहले काम की तलाश में मुंबई पहुंचे और यहां के प्लास्टिक कंपनी में छोटी से नौकरी करने लगे। कुछ ही साल में यह कंपनी बंद हो गई और आगस्टिन बेरोजगार हो गए। इसके एक दोस्त की सिफारिश पर उन्हें मुंबई के मलाड में टीचर की एक नौकरी मिली। वहां पढ़ाने के दौरान उनकी मुलाकात मैथ्स की टीचर ग्रेस एलबुबर्क से हुई और दोनों के बीच लव हो गया। इसके बाद दोनों ने 1974 में शादी कर ली।
पूरा परिवार करता है स्कूल का बिजनेस
इसके बाद 1976 में 10 हजार की लागत से दोनों ने मिलकर मुंबई के बोरिवली में एक स्कूल खोला। इन दोनों का पहला ज्वाइंट वेंचर सफल नहीं रहा और दोनों को वह स्कूल बंद करना पड़ा। इसके बाद दोनों ने 1983 में मुंबई के बोरिवली इस्ट में संत जेवियर्स हाई स्कूल नाम से फिर एक विद्यालय खोला। इसके बाद इस जोड़े ने फिर मुड़कर पीछे नहीं देखा। ग्रेस एलबुबर्क अब मैडम ग्रेस पिंटो के नाम से जानी जाती हैं और इस ग्रुप की मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। ये ग्रुप पूरा कॉरपोरेट स्टाइल में काम करता है।
कुछ दिनों पहले मैडम ग्रेस पिंटो ने पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी। दोनों का एक बेटा भी है जिसका नाम रेयान पिन्टो है। रेयान के नाम पर ही देशभर में 130 से ज्यादा स्कूल चलते हैं। ग्रुप के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर रेयान ने लंदन के कास बिजनेस स्कूल से बिजनेस मैनेजमेंट की डिग्री ली है। रेयान की दो बहनें स्नेहल और सोनल पिंटो की एजुकेशन के ही क्षेत्र में हैं और फैमिली बिजनेस से ही जुड़ी हैं। अजीब बात यह है कि जिस देश में आज भी दस्तावेजों में स्कूल को ना लाभ ना घाटा वाला सेवा व्यवसाय माना जाता है वहीं यह परिवार इसे कारोबार कहता है।