साइबर क्राइम ब्रांच के रिश्वतखोर सिपाही अमित मिश्रा को 3 साल की जेल

Bhopal Samachar
भोपाल। लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश काशीनाथ सिंह ने साइबर क्राइम ब्रांच के सिपाही अमित मिश्रा को 3 साल की जेल और 6000 जुर्माने की सजा सुनाई है। सिपाही अमित मिश्रा पर आरोप था कि उसने 2 भाईयों को जो कि कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर हैं, झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर रिश्वत वसूल की। न्यायालय में ट्रायल के दौरान दोष प्रमाणित हुआ अत: अमित मिश्रा को सजा सुनाई गई। 

लोकायुक्त की ओर से पैरवी करने वाले लोक अभियोजक विवेक गौर ने बताया कि 20 दिसंबर 2013 को लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक को एक शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायतकर्ता रवि प्रकाश और उसके भाई सूरज प्रकाश अहिरवार ने बताया था कि वह कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर है। MP नगर के शबरी कॉम्प्लेक्स में उनका ऑफिस है। शिकायतकर्ता के ऑफिस में काम करने वाले चिन्मय नाम के व्यक्ति ने अपने किसी साथी को उनके ईमेल ID से कुछ मेल भेज दिए थे, इसकी जांच साइबर क्राइम द्वारा की जा रही थी।

साइबर क्राइम द्वारा की जा रही जांच के दौरान ही रवि प्रकाश और उसके भाई सूरज प्रकाश अहिरवार को साइबर क्राइम शाखा में बुलाया गया था। साइबर क्राइम ब्रांच में पदस्थ सिपाही अमित मिश्रा द्वारा दोनों को इस मामले में झूठा फंसाया जाने की धमकी देकर उनसे मामले को रफा दफा करने के लिए 25000 की रिश्वत मांगी गई थी। सिपाही अमित मिश्रा ने सूरज प्रकाश पर दबाव डालकर उसे 4000 की रिश्वत ले भी ली थी। सिपाही अमित मिश्रा द्वारा और रिश्वत की मांग किए जाने पर फरियादी ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस में की थी।

लोकायुक्त पुलिस ने 27 दिसंबर 2016 को साइबर क्राइम ऑफिस के पास स्थित डिपो चौराहे पर फरियादी से रिश्वत लेने पहुंचे अभियुक्त अमित मिश्रा को 5000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। लोकायुक्त पुलिस ने मामले की जांच के बाद चालान विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया था। न्यायाधीश काशीनाथ सिंह ने इस मामले की सुनवाई के बाद शुक्रवार को साइबर क्राइम ब्रांच में पदस्थ सिपाही अमित मिश्रा को भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामले में दोषी मानते हुए अलग-अलग धाराओं में तीन साल की जेल और 6000 के जुर्माने की सजा सुनाई है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!