ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्वालियर जिला सत्र न्यायालय में पदस्थ चतुर्थ अतिरिक्त न्यायाधीश मनोज कुमार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई दो से ज्यादा बच्चों के पिता होने पर की गई है। इसके साथ ही श्री कुमार की कोर्ट के केस दूसरे न्यायालय में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। देश में जनसंख्या वृद्धि रोकने वर्ष 2001 में एक कानून बनाया गया था। इसके तहत वर्ष 2001 के बाद वही व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकेगा, जिसके दो बच्चे हैं। दो से ज्यादा बच्चे होने पर संबंधित व्यक्ति सरकारी नौकरी का हकदार नहीं होगा। हाईकोर्ट ने अपर सत्र न्यायाधीश के पद पर वकीलों से सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन मई 2017 में निकाला था। ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया गया।
प्री में सिलेक्ट होने के बाद मुख्य परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया। दिल्ली (गाजियाबाद) के मनोज कुमार की चतुर्थ अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति हुई। ग्वालियर के जिला सत्र न्यायालय में पदस्थ किया गया। जब फार्म भरा था तब उन्होंने बच्चों की जानकारी नहीं दी थी। नियुक्ति के बाद मनोज कुमार ने अपने बच्चों की जानकारी से हाईकोर्ट को अवगत कराया। इसमें 3 बच्चे बताए गए।
इस मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान में ले लिया। मामले की जांच की गई। फुलकोर्ट मीटिंग में मामले को रखा गया। श्री कुमार के दो से अधिक बच्चे होने पर उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
फार्म में बच्चों की जानकारी देना है अनिवार्य
सरकारी नौकरी के फार्म में वैवाहिक स्थिति, बच्चों की संख्या पूछी जाती है। अगर विवाहित हैं तो बच्चों की जानकारी देनी होती है। उच्च न्यायिक सेवा भर्ती के आवेदन में वैवाहिक स्थिति व बच्चों की जानकारी पूछी गई थी।
16 नंबर पर स्पष्ट लिखा था कि कितने बच्चे हैं। 26 जनवरी 2001 के बाद कितने बच्चे हुए हैं। इनमें जुड़वा कितने हैं। मनोज कुमार तीन बच्चों के पिता थे। उन्होंने इस बात को बाद में बताया।
इनका कहना है
चुतर्थ अतिरिक्त न्यायाधीश मनोज कुमार दो से ज्यादा बच्चों के पिता हैं। उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का नोटिस दे दिया है।
मो. फहीम अनवर, रजिस्ट्रार जनरल मप्र हाईकोर्ट