मप्र: तेंदुपत्ता मजदूर का का बोनस 66 पैसे: एक और भद्दा मजाक

Bhopal Samachar
भोपाल। पिछले दिनों किसानों को फसल बीमा के 17 रुपए क्लैम का मामला सामने आया था। अब शिवराज सरकार द्वारा तेंदुपत्ता मजदूरों को औना पौना बोनस बांटने का किस्सा प्रकाश में आ गया। दमोह में तेंदूपत्ता बोनस के नाम पर मजदूरों को महज 66 पैसे लेकर 1-2 और 5-7 रूपये तक बोनस वितरित किया गया। जिले के मड़ियादो में सजे पंडाल और इसमें चमचामती कारों से उतरे नेता इलाके के मजदूरों के साथ कुछ भला करने आये थे लेकिन उन्होंने जो किया वो उन मजदूर किसानों के साथ किसी भद्दे मजाक से कम नहीं है। 

जब उम्मीद की आश लगाए मजदूरों को जो मिला वो उनकी बेइज्जती से कम नहीं। सरकार सूबे में तेंदूपत्ता संग्रहण कर सरकारी गोदामो में जमा करने वाले लोगों को बोनस देने का ढिंढोरा पीट रही है और इसके लिए बाकायदा मंत्री और विधायक बड़े-बड़े कार्यक्रमों में जाकर बोनस के चैक बांट रहे है।

सरकार की कृपा का बखान कर रहे है लेकिन मड़ियादो में किसानों को क्या मिला ये जानकार आप हैरान हो जाएंगे। सरकार ने वर्ष 2015 की बोनस राशि बनती तो मजदूरों को महज 66 पैसे का बोनस मिला। सिर्फ एक को नहीं बल्कि अधिकांश लोगों को एक रूपये से लेकर पांच, सात, आठ, बीस, बाइस रूपये बोनस मिला है। जिसकी गवाही वन विभाग द्वारा जारी लिस्ट दे रही है। जिसमे साफ है कि मजदूरों को नेताओं के द्वारा बंटवाए जा रहे चेक कितने कितने के है। 

इन्हीं मजदूरों में से एक हैं बल्ली बंजारा 2 साल से बोनस का इंतजार कर रहे थे। 2200 से ज्यादा तेंदूपत्ते की गड्डिया बल्ली ने सरकारी गोदाम में जमा की थी लेकिन दो साल बाद मिला बोनस सिर्फ 22 रूपये। दमोह के वन विभाग ने बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर मड़ियादो में मजदूरों को जमा किया था लेकिन गरीबों को ये आभाष नहीं था की उनके सात ऐसा मजाक होगा। इनमें से अधिकांश लोगों को चेक पर लिखे अंक भी पढ़ना नहीं आता लेकिन जब कुछ समझदार लोगों ने ये सब देखा तो वन विभाग के अधिकारी भी सन्न रह गए और चार, पांच हितग्राहियों को चेक दिलाकर महज औपचारिकता पूरी कर ली गई।

भाजपा विधायक बांटने आई थी 2 और 5 रूपये के चेक 
डीएफओ हरिशंकर मिश्रा के मुताबिक जिस मजदूर ने जितना तेंदूपत्ता संग्रहित किया बोनस उसी आधार पर जारी किया गया है। अफसरों ने पर्दा डालने की कोशिश की ये अलग लेकिन शिवराज सरकार के विधायक अफसरों से दो कदम आगे है। इलाके की भाजपा विधायक उमा देवी खटीक दो और पांच रूपये के चेक बांटने आई थी लेकिन जब उनसे इस सब पर पूछा गया तो उन्होंने मजदूरों को ही चोर करार दे दिया।

'BJP सरकार खुलेआम गरीब मजदूरों का उड़ा रही मजाक' 
उमा देवी के मुताबिक मजदूरों ने तेंदूपत्ता सरकारी गोदामों में जमा न करके चोरी छिपे प्राइवेट ठेकेदारों के यहां जमा किये होंगे जिससे बोनस इतना मिल रहा है। निश्चित ही जब विधायक मान रही है तो मजदूर ही चोर होगा शायद तभी उसे अपनी मजदूरी का फल 66 पैसे से लेकर दो, पांच रूपये तक मिला। लेकिन इन हालातों ने कांग्रेस को सरकार पर बरसने का मौका जरूर दिया है। कांग्रेस मजदूरों के बोनस वितरण पर सरकार पर जमकर हमले बोल रही है। कांग्रेस नेता प्रदीप खटीक के अनुसार भाजपा सरकार खुलेआम गरीब मजदूरों का मजाक उड़ा रही है जो बर्दाश्त नहीं होगा।

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