
अधिकारियों ने देरी का जिम्मेदार कर्मचारियों को ही बताया है। उनका कहना है कि इसकी प्रक्रिया जारी है और कर्मचारियों के विकल्प भरने से लेकर वेतन निर्धारण होने तक में अभी और वक्त लग सकता है। गौरतलब है कि केबिनेट के निर्णय के बाद वित्त विभाग ने 22 जुलाई अंत में इस बारे में आदेश जारी किए थे। इसके तहत सरकार ने इसे 1 जनवरी 2016 से लागू करने का जिक्र किया था।
एक्सपर्ट कहते हैं कि कर्मचारियों द्वारा विकल्प भरने की प्रक्रिया अभी भी जारी है। विभिन्न विभागों के कर्मचारी विकल्प भरकर दफ्तर में जमा करेंगे। ट्रेजरी से सभी कर्मचारियों को पासवर्ड अलॉट किया गया है। फिर ये अपने-अपने पासवर्ड के जरिए ऑनलाइन विकल्प भरेंगे। इसके बाद वेतन निर्धारण होगा। इसमें अभी और समय लगेगा।