देश भर में ब्लू व्हेल गेम हो या फ़िर इंटरनेट का जुनून ये नई उम्र के बच्चों को मानसिकरूप से जकड़ रहा है कम उम्र में इंटरनेट के उपयोग के कारण बच्चे का बालमन इंटरनेट के नकारात्मक पक्ष का शिकार हो रहा है। इंटरनेट मतलब आंतरिक जाल जो पूर्णतः राहु ग्रह का कारक है। बच्चों का अबोध मन जो की निश्छ्ल होता है, वह इस जाल में फंसकर ग्रहण योग का शिकार हो जाता है। जो बच्चे अपने समूह में हमेशा पीछे रह जाते है वे अपनी कुंठा ऐसे इंटरनेट के गेम में जीतकर ख़त्म करना चाहते हैं लेकिन गेम बनाने वाले उन्हे अपने जाल में फँसाकर उन्हे मौत के मुंह में डाल रहे है। ये एक प्रकार से बच्चों को मानसिक रूप से गुलाम बनाने जैसा है।
कैसे बचाएं, क्या करें
राहु बालमन को ग्रसित करता है तो केतु जिनके स्वामी भगवान गणेश हैं बच्चों का कारक ग्रह है। भगवान गणेश विद्या, बुद्धि के दाता सभी विघ्नौ के नाशक तथा ब्लू व्हेल जैसे इंटरनेट के चूहों की सवारी कर बच्चों को इस मानसिक गुलामी से आजाद करने वाले है। सभी बच्चे को भगवान गणेश को नमस्कार कर गणेश गायत्री मंत्र का जप कराना चाहिए। जो इस प्रकार है:
एकदंताय विदमहे वक्रतुन्डाय धीमहॆ,
तन्नौ दंति प्रचोदयात*
आप किसी भी बहाने से बच्चों को इस मंत्र का जप कराएं। प्रतिदिन कम से कम 7 बार यह जप किया जाना चाहिए। यदि आप ऐसा कर पाते हैं और बच्चे धीरे धीरे इसका शुद्ध उच्चारण करना सीख जाते हैं तो निश्चित रूप से भगवान गणेश उनकी बुद्धि को तेज कर शिक्षा के क्षेत्र में सफलता तो दिलाएंगे ही। इसके अलावा और कोई संकट भी आता है उसका भी समाधान भगवान गणेश करेंगे। भगवान गणेश का यह मंत्र आपके बच्चों के लिये ब्रह्मास्त्र तथा रक्षा कवच के समान है। सभी बच्चे और युवा जो शिक्षा के क्षेत्र में है उन्हे भगवान गणेश की उपासना तथा मंत्र का नाम स्मरण करना चाहिए।
*प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु*
9893280184,7000460931