युवाओं में ऑडिशंस को लेकर काफी तनाव होता है। किसी भी कला में सबसे पहले ऑडिशंस की लंबी लाइन से जीतना और फिर ऑडिशन ले रहे व्यक्ति के सामने प्रदर्शन करना। ज्यादातर देखा गया है कि ऑडिशन लेने वाले लोग खुद को भगवान की तौर पर पेश करते हैं और अभ्यर्थियों को यह जता देते हैं कि यदि उन्होंने किसी को रिजेक्ट कर दिया तो मानो भगवान से रिजेक्ट कर दिया। अभ्यर्थी डिप्रेशन में चला जाता है और तनाव के कारण उसकी स्किल पर बुरा असर पड़ता है। फाइनली ऑडिशन लेने वाले की भविष्यवाणी सही साबित हो जाती है परंतु हम यह बताना चाहते हैं कि ऑडिशंस कभी बेंचमार्क नहीं होते, बस एक तुक्का होते हैं।
ऑडिशन लेने वाले के पास कोई विशेषज्ञता नहीं होती कि वो आपके भीतर छुपे कलाकार को पहचान सके। वो तो बस अनुमान लगाता है और सिलेक्ट या रिजेक्ट कर देता है। हजारों ऐसे उदाहरण हैं जिसमें दिग्गजों ने ऑडिशन लिए और फिल्में बुरी तरह से पिट गईं। आमिर खान को तो बॉलीवुड का स्पेशल माना जाता है। वो भीड़ से अलग है, उनके तरीके भी अलग हैं और वो अपने काम में डॉक्टरेट से भी ज्यादा कुछ कर लेते हैं परंतु क्या आपको पता है। आमिर खान को भी ठीक से ऑडिशन लेना नहीं आता। फिल्म 'धोबी घाट' के ऑडिशंस के टाइम आमिर ने जिसे रिजेक्ट कर दिया था, वो वरुण धवन आज लाखों युवाओं की धड़कन बन चुका है।
दरअसल, वरुण ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि स्टूडेंट ऑफ द ईयर से पहले वरुण ने दो बड़ी फिल्मों के लिए ऑडिशंस दिए थे। इनमें से एक धोबी घाट थी। बता दें कि इस फिल्म से आमिर की पत्नी किरण राव फिल्मों में निर्देशक के रुप में डेब्यू कर रही थीं। वरुण के ऑडिशंस में फेल हो जाने के कारण यह रोल प्रतीक बब्बर को दे दिया गया था लेकिन इसके बाद वरुण ने करन जौहर की फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर से फिल्मों में एंट्री की।
इतना ही नहीं, वरुण 'लाइफ ऑफ पाइ' के ऑडिशंस में भी फेल हो गए थे, जिसके बाद यह रोल दिल्ली के सूरज शर्मा को दे दिया गया था लेकिन इन दो बड़ी फिल्मों को खोने के बाद भी वरुण ने एक अच्छी शुरुआत की और पहली ही फिल्म से लोगों के दिल में अपनी जगह बना ली। बता दें कि इन दिनों वरुण अपनी आने वाली फिल्म 'जुड़वा 2' के प्रमोशन्स में बिजी हैं। इसमें वह तापसी पन्नू और जैक्लीन के साथ नजर आने वाले हैं। फिल्म सलमान की फिल्म 'जुड़वा' का सिक्वल हैं और वरुण फिल्म में जुड़वा रोल निभा रहे हैं। फिल्म 29 अक्टूबर को रिलीज हो रही है।