इंदौर। विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान महू में हुई शिवराज सिंह की चुनावी रैली के संदर्भ में एडवोकेट विवेक पटवा ने हाईकोर्ट को बताया कि वो केवल जागरुकता के लिए मेट्रो रेल और भूमि आवंटन की बात कर रहे थे। उन्होंने रैली में ऐसा कोई वादा नहीं किया कि यदि लोग वोट देते हैं तो उन्हे यह सौगातें दी जाएंगी। मामला कैलाश विजयवर्गीय के चुनाव को अयोग्य घोषित करने के लिए लगाई गई याचिका का है। न्यायमूर्ति अलोक वर्मा ने इस मामले की सुनवाई की। अगली तारीख 7 सितम्बर लगाई गई है।
एडवोकेट विवेक पटवा ने बताया कि याचिकाकर्ता ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के बयान को गलत तरीके से समझा और कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया। उनका भाषण बिल्कुल ऐसा नहीं था। वो इन योजनाओं के बहाने मतदाताओं को लालच नहीं दे रहे थे बल्कि वो तो केवल जानकारी दे रहे थे। जबकि याचिकाकर्ता ने इसे कुछ इस तरह से प्रस्तुत किया जैसे सीएम शिवराज सिंह ने मतदाताओं को लालच दिया है कि यदि वो कैलाश विजयवर्गीय को वोट देते हैं तो उन्हे मेट्रो ट्रेन एवं भूमि आवंटन का लाभ मिलेगा।
क्या है मामला
महू विधानसभा क्षेत्र से पराजित घोषित किए गए कांग्रेस के उम्मीदवार अंतर सिंह दरबार की ओर से चौहान के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन की याचिका दायर की गई थी। 2013 विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार कैलाश विजयवर्गीय के समर्थन में शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी सभाओं को संबोधित किया था। कांग्रेस उम्मीदवार ने मुख्यमंत्री के भाषणों को मतदाताओं को लालच देने के तहत बताते हुए आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत की थी।चौहान ने कहा था कि यदि विजयवर्गीय चुनाव जीतते है, तो इंदौर से महू तक मेट्रो ट्रेन चलाई जाएगी। साथ ही आदिवासियों को पट्टे देने की भी बात कही गई थी।