
आगे रामदेव ने कहा है कि दिग्विजय सिंह का राजनीतिक व सामाजिक अस्तित्व नहीं है। मेरे ऊपर आरोप लगाने की उनकी हैसियत भी नहीं है। जिस व्यक्ति का नाम भी मेरी जुबान पर नहीं आता है, उसके प्रश्नाें को महत्व नहीं देता हूं। अखाड़ा परिषद द्वारा 14फर्जी बाबाओं की जारी लिस्ट को लेकर दिग्विजय सिंह ने रामदेव पर निशाना साधा था। दिग्गी ने ट्वीट कर कहा था "सम्माननीय अखाड़ा परिषद ने इस सूची में बाबा रामदेव का नाम नहीं रखा। निराशा हुई। पूरे देश को ठग रहा है। नक़ली को असली बता कर बेंच रहा है।"
आगे दिग्विजय ने लिखा था कि "मैं सम्माननीय अखाड़ा परिषद से पूछना चाहता हूँ। क्या मनु स्मृति में किसी भगवा वस्त्र पहनने वाले को व्यापार करने की स्वीकृति है ?" " मैं सम्माननीय अखाड़ा परिषद से विनम्र अनुरोध करूँगा कि वे इस सूची में रामदेव का नाम भी जोड़ें।" " अन्यथा यही मानूँगा कि वे भी रामदेव के धन से प्रभावित हो गए।"
गौरतलब है कि हाल ही में इलाहाबाद में अखाड़ा परिषद की कार्यकारिणी की बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने लिस्ट जारी कर 14 बाबाओं को फर्जी बताया है। इस लिस्ट में कई स्वयंभू बाबाओं के नाम हैं। इस लिस्ट में आसाराम उर्फ आशुमल शिरमानी, सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां, सचिदानंद गिरी उर्फ सचिन दत्ता, गुरमीत राम रहीम, ओम बाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ऊं नम: शिवाय बाबा, नारायण साईं, रामपाल, खुशी मुनि, बृहस्पति गिरि और मलकान गिरि समेत कुल 14 नाम शामिल हैं।