भोपाल। विश्वविख्यात महाकाल मंदिर में स्थित प्राकृतिक शिवलिंग में क्षरण को लेकर इन दिनों सभी चिंतित हैं। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि महाकाल रूठ गए हैं लेकिन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि यह चिंता का विषय नहीं है। हम मूर्ति को नहीं भगवान को पूजते हैं, मूर्ति तो निमित्त भर है। मोहम्मद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर के साथ शिवलिंग भी तोड़ा था, हमने दूसरा मंदिर बना लिया। पार्थिव शिवलिंग, गणेश और दुर्गा प्रतिमाओं को भी हम निमित्त मानकर पूजते हैं।
द्वारका से श्रीधाम लौटते हुए शारदा (द्वारका) एवं ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने पत्रकारों से चर्चा में यह बात कही। उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए बताया कि मूर्ति टूटने से भगवान नहीं टूट जाएंगे, हम मंत्रों के बल पर ईश्वर का आह्वान करते हैं। श्रावण मास में मिट्टी के शिवलिंग और नवरात्रि में दुर्गा प्रतिमाएं बनाते हैं जिन्हें पूजन के बाद विसर्जित कर देते हैं। इसलिए मूर्ति क्षरण के मुद्दे पर ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं।
अयोध्या में जो तोड़ा गया वो मंदिर ही था
राममंदिर पर शंकराचार्य ने कहा कि हम इसमें तीसरी पार्टी हैं। श्रीराम जन्मभूमि पुर्नरुद्धार समिति सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। हाईकोर्ट में एडवोकेट परमेश्वर नाथ मिश्रा तर्कों और तथ्यों से यह साबित कर चुके हैं कि बाबर कभी अयोध्या नहीं आया। जो ढांचा तोड़ा गया वह मस्जिद नहीं मंदिर ही था। 14 खंभे, मंगल कलश और हनुमानजी की मूर्ति वहां मौजूद थी। देश भर में गांधीजी की मूर्तियां हैं लेकिन पोरबंदर का स्थान कोई नहीं ले सकता। वैसे ही अयोध्या श्रीराम की जन्मभूमि है।
फर्जी बाबाओं को कुंभ में नहीं मिलेगा प्रवेश
शंकराचार्य ने कहा फर्जी बाबाओं को परखने की आपके अंदर समझ होनी चाहिए। केवल भेष देखकर ही किसी बाबा की भक्ति में लीन हो जाना सही नहीं हैं, क्योंकि शंकराचार्य कोई लाभ का पद नहीं होता है। केवल धर्म के अनुसार धर्म मार्ग पर चलने वाला ही एक संस्कारी व्यक्ति ही संत हो सकता है। जवाहर चौक स्थित शंकराचार्य आश्रम, झरनेश्वर महादेव मंदिर में शंकारचार्य ने कहा कि रामरहीम जैसे बाबाओं का समाज में कोई स्थान नहीं हैं। रामरहीम ने 15 साल पहले दुष्कर्म किया था तो उसे 15 साल पहले ही इसकी सजा मिल जानी चाहिए थी। इसके साथ ही स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि अगले अर्ध कुंभ में फर्जी शंकराचार्यों को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
शिर्डी में सुदर्शन चक्र मंदिर का निर्माण कराएंगे
तीन तलाक के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब इसमें दीनार की शर्त लगी है तो यह एक 'कांट्रेक्ट" हुआ जबकि हिंदू विवाह एक संस्कार है। कांट्रेक्ट एकतरफा नहीं होना चाहिए यदि इसका निर्णय होता है तो स्त्रियों के साथ न्याय होगा। साईं बाबा के संदर्भ में भी उनकी राय आज भी यथावत रही। उन्होंने बताया कि हम शिर्डी में सुदर्शन चक्र मंदिर का निर्माण कराएंगे। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान 'भगवा पहनकर व्यवसाय कर रहे बाबा" पर शंकराचार्य ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।