
यूपी सरकार ने दी है चुनौती
इस तरह के फैसले कई अन्य राज्यों में भी हो चुके हैं, मप्र में तो सरकार ने दत्त पुत्रियों को भी अनुकंपा नियुक्ति का धिकारी माना है परंतु उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यूपी सरकार के वकील रवि पी. महरोत्रा ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला देकर कहा कि अनुकंपा पर दी जाने वाली नौकरी मानवता के आधार पर दी जाती है।
परिवार के मुखिया की मौत हो जाए तो उनके आश्रित वित्तीय संकट में आ जाते हैं और इसी कारण मानवता के आधार पर आश्रितों को नौकरी दी जाती है। इसके पीछे तर्क यह है कि मृतक पर जो सीधे तौर पर आश्रित हैं उन्हें वित्तीय संकट से बचाया जा सके। 1974 के नियम पांच के मुताबिक वैसे आश्रितों से मतलब है जो खुद की परवरिश नहीं कर सकते। ऐसे में शादीशुदा लड़की किसी भी तरह से आश्रित नहीं है।