
जानकारी के मुताबिक, शाही बेटियों की टीम में शामिल करने से पहले लड़कियों का जबरदस्त ब्रेन वॉश किया जाता था। एक साध्वी ने इस बारे में विस्तार से बताया है। उसके मुताबिक, डेरों में आने वाली नई लड़कियों पर नजर रखी जाती थी। सुंदर लड़कियों को बाबा के आसपास रहने वाले काम दिए जाते थे। वहीं कम सुदंर लड़कियों को सब्जियां काटने, खाना बनाने और बर्तन साफ करने का काम दिया जाता था। सुंदर लड़कियों को पढ़ने के लिए डेरे के स्कूल में भेजा जाता था और रहने के लिए हॉस्टल की सुविधा दी जाती थी। हॉस्टल राम रहीम की गूफा के पास ही होता था।
इन्हीं लड़कियों को राम रहीम के साथ रात गुजारने के लिए कहा जाता था और जो विरोध करती थीं, इन्हें टॉर्चर किया जाता था। बाद में यदि कोई लड़की अपने साथ हुए अत्याचार के बारे में किसी को बताती तो उसे भूखा रखा जाता, ताकि उसे सबक मिल सके और दूसरी बार वो विरोध न करे। जो लड़कियां इतना होने पर भी विरोध जारी रखती थीं, उन्हें परिवार के सदस्यों को जान से मारने की धमकियां दी जाती थीं।