नई दिल्ली। मोदी सरकार में फेरबदल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कई मंत्रियों से इस्तीफे रखवा लिए गए हैं। राजीव प्रताप रूढ़ी, उमा भारती एवं फग्गन सिंह कुलस्ते समेत कुछ मंत्रियों को संतोषजनक काम ना करने के कारण हटा दिया गया है। वहीं कलराज मिश्र जैसे मंत्री को उम्रदराज हो जाने के कारण रिटायर किया जा सकता है। महेंद्र नाथ पांडे की यूपी प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति यूपी में कलराज युग के अंत और नए ब्राह्मणवाद की शुरूआत है। मोदी के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण चुनाव हैं भारत के नए रक्षामंत्री, रेल मंत्री और पर्यावरण मंत्री का चुनाव। देखते हैं मोदी नए मंत्रिमंडल को क्या नया स्वरूप देते हैं।
राजीव प्रताप रूडी से इस्तीफा क्यों लिया
मोदी सरकार में कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता इसलिए दिखाया गया है क्योंकि कौशल विकास मंत्रालय के कामकाज को लेकर प्रधानमंत्री बहुत खुश नहीं थे. रोजगार को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है।
उमा भारती और संजीव बलियान भी बाहर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल और गंगा मंत्रालय की प्रभारी उमा भारती के प्रदर्शन से भी खुश नहीं थे। प्रधानमंत्री ने गंगा की सफाई को लेकर बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन पिछले तीन साल में गंगा सफाई पर सिर्फ नाममात्र के ही काम हुए थे। उमा भारती के साथ ही जूनियर मंत्री संजीव बलियान को भी मंत्रीमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, जबकि वो सिर्फ इस मंत्रालय का काम देख रहे थे।
कुलस्ते से खुश नहीं थे PM मोदी
फग्गन सिंह कुलस्ते जो मोदी सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री थे उनकी मंत्रालय में अटेंडेन्स और पार्टी के संगठन के कार्यक्रमों में ना के बराबर हाजिरी होने से भी अमित शाह और प्रधानमंत्री खुश नहीं थे। कुलस्ते मप्र भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। कहा जाता है कि फग्गन सिंह कुलस्ते ने संगठन के लिए बहुत काम किया है।
बदलेगा 'राधामोहन और राजू' का मंत्रालय
खबर है कि केंद्रीय विमानन मंत्री गजपति राजू और कृषि मंत्री राधामोहन सिंह का मंत्रालय बदला जा सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार में नए मंत्रियों को जगह दी जाएगी। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए रक्षा मंत्री, रेलमंत्री और पर्यावरण मंत्री भी चुनेंगे। मेनका गांधी को भी महिला कल्याण मंत्रालय से हटाकर किसी अन्य विभाग में भेजा जा सकता है।
प्रभु को मिल सकता है एक और चांस?
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने पिछले दिनों हुए रेल हादसों की जिम्मेदारी लेते हुए अपने इस्तीफे की पेशकेश की थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी पहले ही उनके इस्तीफे को वेटिंग में डाले हुए हैं। सूत्रों की माने तो प्रधानमंत्री सुरेश प्रभु को एक और चांस देने के मूड में हैं।
इनकी ताकत बढ़ेगी
वहीं सूत्रों के अनुसार कैबिनेट में प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान का कद बढ़ सकता है। बदलाव में उन्हें अहम जिम्मेदारी दी जा सकती हैं