
अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच की यह नाक की लड़ाई, उसी खतरनाक मुहाने तक आ पहुंची है, जो विश्व भर में तबाही मचा सकती है। पूरी दुनिया दो धड़ों में बंटी नजर आ रही है। कूटनीतिक तौर पर अधिकांश देशों ने उ.कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों से लेकर हमला करने की उसकी धमकियों की आलोचना की है लेकिन यह बात किसी से छिपी नहीं है कि अमेरिका या अमेरिका चीन के बीच ‘कोल्ड वॉर’ जारी है। ऐसे देशों की भी कमी नहीं है, जो अमेरिका पर तानाशाही के आरोप लगाते रहे हैं और उसके प्रतिद्वंद्वी गुट के साथ खड़े हुए हैं। ऐसे में माहौल बिगड़ा तो तीसरे विश्व युद्ध के छिड़ने में देर नहीं लगेगी और ढेरों देश किसी ने किसी महाशक्ति के साथ खड़े नजर आएंगे। विश्व का नेता बनने की लालसा और अन्य देशों को पिछलग्गू बना कर रखने की नीति के चलते ही यह ‘कोल्ड वॉर’ अक्सर सुलगता रहा है। जापान के कब्जे में रहे कोरिया के दो टुकड़े होना और फिर उ.कोरिया में अमेरिकी युद्ध ने इस आंच को कभी ठंडा ही नहीं होने दिया।
लगभग 70 साल पहले अमेरिकी हमले में तबाह हो चुके उ.कोरिया की यह आग फिर धधक उठी है| उत्तर कोरिया ने पिछले दिनों ताबड़तोड़ मिसाइल और बम परीक्षण करके उसने अमेरिका को बर्बाद करने की सीधी धमकी दे दी है तो अमेरिका ने भी दुनिया में अब तक के सबसे बड़े ‘एक्शन’ की बात करते हुए उ.कोरिया को नेस्तनाबूद कर देने और ऐसे परिणाम भुगतने की चेतावनी दे डाली है। अपने सबसे बड़े बम वर्षक को उत्तर कोरिया के ऊपर चेतवानी भरे अंदाज़ से उड़ाया है।
जो हथियार अब तक किसी देश ने नहीं देखे थे, वे निकलने लगे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि तीसरे विश्व युद्ध कि गोटियां बिछने लगी हैं। एक तरफ अमेरिका और उसके मित्र देश लामबंद हो रहे हैं, तो दूसरी तरफ अमेरिका विरोधी रूस और चीन पर्दे के पीछे से रणनीति बनाने में जुट गए हैं। कोरिया लंबे समय से अमेरिका पर हमले की धमकी देता आ रहा है। जिस तरह की खबरें सामने आ रही हैं, उनसे ये संकेत मिलते हैं कि हजारों किलोमीटर दूर उसका दुश्मन अमेरिका उसकी मिसाइलों के दायरे में है। अमेरिका ने भी संकेत दे दिया है कि उत्तर कोरिया उसकी जद में है।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।