नई दिल्ली। एशिया की आधिकारिक यात्रा पर आ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के 5 पड़ौसी देशों में जाएंगे लेकिन भारत नहीं आएंगे। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष तौर पर उन्हे भारत के लिए न्यौता दिया था। उम्मीद थी कि वो जब भी एशिया की ओर आएंगे, सबसे पहले भारत की जमीन पर उतरेंगे परंतु ऐसा नहीं होगा। ट्रंप उत्तर कोरिया को घेरने के लिए आ रहे हैं। बता दें कि इस मामले मेें भारत ने अब तक अपना रुख साफ नहीं किया है। भारत के अमेरिका रिश्ते मजबूत हैं परंतु उत्तर कोरिया से भी खराब नहीं है।
ट्रंप 3 से 14 नवंबर तक की अपनी यात्रा के दौरान 5 देशों जापान, दक्षिण कोरिया, चीन, वियतनाम और फिलीपींस में रुकेंगे। इस दौरान कई द्विपक्षीय, बहुपक्षीय कार्यक्रमों में शामिल होंगे, जहां उनका जोर उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन से निपटने पर चर्चा करेंगे।अमेरिकी राष्ट्रपति की एशिया यात्रा में गौर करने वाली एक बात यह भी है कि वे इस दौरा भारत नहीं आएंगे। हालांकि इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को परिवार के साथ भारत आने का न्योता दिया था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार भी किया था। इस साल जून में व्हाइट हाउस के रोज़ गार्डेन में पीएम मोदी ने ट्रंप से कहा था, 'मुझे आशा है कि आप मुझे भारत में आपके स्वागत और आवभगत का अवसर देंगे।'
हालांकि इस न्योते को स्वीकार करने के बावजूद ट्रंप इस बार की अपनी यात्रा के लिए भारत को नहीं चुना। नवंबर में होने वाली अपनी यात्रा में ट्रंप के साथ उनकी पत्नी मलेनिया भी साथ होंगी। वाइट हाउस ने इस यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि ट्रंप एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग सम्मेलन और असोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस समिट में शामिल होंगे जो क्षेत्र में अमेरिका के गठबंधन सहयोगियों और साझेदारियों के प्रति उनकी सतत प्रतिबद्धता दर्शाएगा। उसने कहा कि ट्रंप अमेरिका की समृद्धि एवं सुरक्षा के लिए एक मुक्त और खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र के महत्व पर चर्चा करेंगे। वह अमेरिकी व्यापार साझेदारों के साथ निष्पक्ष और पारस्परिक आर्थिक संबंधों के महत्व पर जोर देंगे। पीएम मोदी ने ट्रंप की बेटी इवांका को भी हैदराबाद में नवंबर में आयोजित होने वाली ग्लोबल इंटरप्रेन्योर समिट में शामिल होने का न्योता दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार किया था।