भोपाल। राजधानी में मौसम का बिगड़ा मिजाज लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। अस्पतालों में वायरल फीवर, सर्दी-जुकाम और खांसी की शिकायत लेकर पहुंचने वाले मरीजों की संख्या 50 फीसदी तक बढ़ गई है। ऐसा बारिश कम होने से हुआ है। दिन में गर्मी, धूप, उमस और रात में ठंडक की स्थिति बन रही है। तापमान में उतार-चढ़ाव से वायरल पीड़ितों की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ी है। अस्पतालों में अधिकतर ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं जिनका वायरल फीवर 10-15 दिन बाद दोबारा आया है। ऐसे में वायरल फीवर को ठीक होने में एक सप्ताह लग रहा है। चिकित्सकों के मुताबिक जब वायरल फीवर दोबारा आता है तो और ज्यादा एग्रेसिव होता है। वहीं सड़कों से उड़ रही धूल के कारण भी लोग एलर्जी का शिकार हो रहे हैं। इस समय स्वाइन फ्लू, डेंगू और मलेरिया के मरीज भी बढ़े हैं। अक्टूबर तक ऐसी ही स्थिति रहने की आशंका है।
1800-2000 तक पहुंची ओपीडी
जेपी अस्पताल की ओपीडी में वायरल फीवर के मरीजों में 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। यहां आमतौर पर ओपीडी 1400 के आसपास होती है। अब यह दो हजार से ऊपर तक पहुंच रही है। यही स्थित कोलार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की भी है।
ऐसे मौसम में इन बातों का रखें ध्यान
भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
सर्दी-जुकाम से पीड़ित व्यक्ति के तौलिए आदि का उपयोग न करें। किसी से हाथ मिलाने के बाद हाथ जरूर धोएं।
अगर हाथ-पाव में दर्द, थकान और हरारत लग रही है तो डॉक्टर की सलाह लें।
बाहर का पानी, तली हुई भोजन सामग्री का सेवन न करें।
लगातार छींक, खांसी आ रही है तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
वायरल पीड़ित व्यक्ति से दूर रहें।
ठंडी वस्तुओं का सेवन न करें।
दो पहिया वाहन चालक मुंह पर कपड़ा बांधकर वाहन चलाएं। गॉगल का उपयोग करें।
बुखार आने पर मन से दवा न लें। डॉक्टर का परामर्श लेने के बाद ही दवा लें।
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इनका कहना है
ये वायरल फीवर का सीजन है। आम दिनों की तुलना में 50 फीसदी मरीज ज्यादा आ रहे हैं। सर्दी-जुकाम, बुखार की शिकायतें बढ़ी हैं। सात दिन में भी व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो रहा। कई मामलों में यह रिपीट हो रहा है।
डॉ.धीरज शुक्ला, फिजिशियन