
पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। युवक ने बताया कि उसकी बीवी ने बिना वजह उससे विवाह विच्छेद कर लिया। जिस पर कोर्ट ने भरण पोषण के लिए 2200 रुपए प्रतिमाह देने को आदेश दिया है। फरियादी का कहना है कि मैं रोड पर हूं। न्यायालय का आदेश है, इसलिए किडनी बेचकर ही भरण पोषण दे पाऊंगा।
जानकारी के मुताबिक, युवक की शादी 2002 में हुई थी। बिना वजह बीवी लड़ने लगी। मामला 2014 में परिवार परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा, फिर दोनों को समझाया गया, पर बात नहीं बनी। मई 2017 में मामला कोर्ट पहुंच गया और विवाह विच्छेद हो गया। युवक का कहना है कि बेवजह के झगड़े को भी परिवार परामर्श केंद्र और न्यायालय दोनों मिलकर एक परिवार के बीच आई दरारें नहीं भर सके।
प्रकाश की शादी विदिशा के दुर्गानगर निवासी लक्ष्मी से 2002 में हुई थी। लक्ष्मी का कहना था कि वह उनके पिता के साथ नहीं रह सकती। जिसके बाद उसने अपनी पत्नी की खुशी के लिए दुर्गानगर में एक प्लाट खरीदा। शादी के वक्त उसकी पत्नी महज 8वीं पास थी, लेकिन वह खुद अनपढ़ रहते हुए भी पत्नी को BA, PGDCA, B.ED कराया। इसके बाद 2014 में बीवी के कहने पर उसने अपने हिस्से की जमीन बेचकर दो मंजिला मकान बनवाया। इसके बाद भी उसके मन में पनप रही नफरत कम नहीं हुई।
मुझे मेरे ही घर से मेरी बीवी ने निकाल दिया
प्रकाश के अनुसार, उसकी पत्नी 2014 में प्राइवेट जॉब करने लगी। इसके बाद मई 2015 में घर छोड़कर चली गयी, फिर लौटकर नहीं आई। फरियादी का कहना है कि मुझे दो बार थाने में बंद कराया। अभी भी उसे उम्मीद है कि उसका टूटा-बिखरा परिवार काश एक साथ रह सके। प्रकाश का कहना है कि वह आज भी अपनी बीवी-बच्चों से बहुत प्यार करता हूं। मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे पढ़ सकें, इसलिए मैं अपनी किडनी बेच रहा हूं। मुझे मेरे घर से बाहर निकाल दिया, मेरे पास रहने के लिए जगह नहीं है। घर पर पत्नी और उसके मां-भाई ने कब्जा जमा रखा रखा है।
'मेरा पति झूठा है, कुछ नहीं करता'
वहीं उसकी पत्नी का कहना है कि वह चाहते ही नहीं हैं कि मैं उनके साथ रहूं। कुछ काम धंधा नहीं करते, मेरे पति ने मेरे लिए कुछ नहीं किया। मैं अपने बच्चों को अपने दम पर पाल लूंगी। बस पुलिस इतना करे कि वो मुझे परेशान न करे।
पत्नी के भरण-पोषण के लिए किडनी बेचने को मजबूर युवक
वहीं वकील ने बताया कि आज कल किसी को किसी के साथ नहीं रहना है तो इस नियम का दुरुपयोग किया जा रहा है। भरण-पोषण अधिनियम का लगातार दुरुपयोग कर रहे हैं। कभी एक दूसरे के साथ सात जनम तक साथ निभाने की कसम खाकर सात फेरे लेन वाले पति को अपनी पत्नी के भरण पोषण के लिए अपनी किडनी बेचनी पड़ रही है।