
पुलिस अधिकारी मामले के जांच में होने की बात कहकर सवालों से पल्ला झाड़ रहे है। उधर पल-पल घुटन महसूस कर रहे पीड़िता और उसके परिवार का भरोसा टूट रहा है। गुजरते समय के साथ पुलिस की जांच और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे है, जिनका जबाब फिलहाल जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के पास नहीं है। इन सबके बीच न्याय पाने के लिए भटक रही पीड़िता अपनी और परिवार की सुरक्षा को लेकर अत्यंत ही भयभीत है।
मुंह दबाकर फाड़े कपड़े
पीड़ित शिक्षिका ने घटना के संबंध में जानकारी देते हुये बताया कि 26 सितम्बर की शाम उसके पति अपने पिता और दो वर्षीय पुत्र को मोटरसाईकिल से लेकर दुर्गा प्रतिमाएं दिखाने गये थे। इस दौरान मैं घर पर अकेली थी, तभी किसी ने दरवाजे में दस्तक दी। दरवाजा खोेला तो प्राचार्य अमरचन्द्र राजपूत अंदर आ गया और मुंह दबाकर उनके द्वारा जोर-जबरदस्ती करने का प्रयास किया गया। पीड़िता केे अनुसार प्राचार्य उसकी इज्जत पर हमला करते हुये कपड़े फाड़ने लगे। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से पीड़िता इतनी घबरा गई कि उसे समझ ही नहीं आया कि वह क्या करे। संयोग से तभी शिक्षिका के पति वापिस लौट आये। जिनकी मोटरसाईकिल की आवाज सुनकर प्राचार्य शिक्षिका को उसी हालत में छोड़ भाग खड़ा हुआ।
नीचे जब प्राचार्य और पीड़िता के पति का आमना-सामना हुआ तो अमरचन्द्र राजपूत द्वारा गालियां देते हुये जान से मारने की धमकी दी गई। पीड़िता के पति ने बताया कि प्राचार्य शराब के नशे में धुत थे इसलिए मैंने उन्हें जबाब देना उचित नहीं समझा। मैं जब प्रथम मंजिल में स्थित शासकीय आवास में पहुंचा तो डरी-सहमी और रोती हुई पत्नी के फटे कपड़े देखकर दंग रह गया। पूंछने पर पत्नी ने रोते हुये अपने साथ हुई घटना की सम्पूर्ण जानकारी दी।
दो वर्ष से कर रहे थे परेशान
पीड़ित शिक्षिका का आरोप है कि प्राचार्य द्वारा उसे पिछले दो साल से परेशान किया जा रहा है। अपने चैम्बर में बुलाकर प्राचार्य उससे दुर्व्यवहार और गाली-गलौंज करते थे। पीड़िता का कहना है कि प्राचार्य ने कई बार उसे यौन संबंध बनाने के लिए प्रेरित करते हुये कहा कि यदि तुम मेरी बात मानोगी तो मैं तुम्हें सब तरह की छूट दूंगा। प्राचार्य द्वारा मानसिक उत्पीड़न किये जाने से शिक्षिका काफी तनावग्रस्त थी। जिसके कारण वह अपने बच्चे की सही तरीके परवरिश तक नहीं कर पा रही थी। शिक्षिका का कहना है कि प्राचार्य उसे हमेशा धमकी देते थे कि उनके पास उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बहुत सारे सबूत है। प्राचार्य के व्यवहार और चरित्र को लेकर पीड़ित शिक्षिका का कहना है कि उनके साथ कोई भी महिला कर्मचारी काम नहीं करना चाहती। उन्होंने बताया कि करीब साल भर पूर्व विशेष कार्यक्रम के अन्तर्गत पन्ना केन्द्रीय विद्यालय आई एक शिक्षिका के साथ भी प्राचार्य ने आपत्तिजनक व्यवहार किया था। जिसकी जानकारी उक्त युवती ने पन्ना से जाने के बाद ईमेल के माध्यम से दी थी किन्तु उक्त मामला दबा दिया गया।
शिक्षकों के कुकर्मो से बदनाम हुआ विद्यालय
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले का केन्द्रीय विद्यालय वर्ष 2015 में तब देश भर में चर्चाओं में आया था जब विद्यालय की तत्कालीन प्राचार्या ने पन्ना कलेक्टर आरके मिश्रा पर शासकीय बंगले में बुलाकर यौन शोषण करने का सनसनीखेज आरोप लगाया था। राज्य सरकार द्वारा प्रकरण की जांच वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमेटी से कराई गई जिसमें प्राचार्या और कलेक्टर के बीच एसएमएस के जरिये देर रात तक वार्तालाप होने तथा दोनों के बीच कई महीनों से विवाहेत्तर संबंध होने की बातें उजागर हुई थीं। इसके पूर्व केन्द्रीय विद्यालय पन्ना के एक शिक्षक द्वारा छात्राओं का यौन शोषण करने का मामला सामने आया था।
इनका कहना है
शिक्षिका के आरोप पूर्णतः असत्य और आधारहीन है। बेहतर शैक्षणिक व्यवस्था बनाये रखने के लिए सख्ती करनी पड़ती है जिससे असंतुष्ट होकर शिक्षिका द्वारा मुझे बदनाम करने और दबाव बनाने के लिए यह साजिश रची गई है। पर्दे के पीछे से यह सब शिक्षिका का पति करवा रहा है।
अमरचन्द राजपूत
प्राचार्य, केन्द्रीय विद्यालय पन्ना
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कोतवाली थाना पन्ना पुलिस द्वारा आरोपी प्राचार्य को बचाने की कोशिश की जा रही है। शराब के नशे में घुत होने के बाद भी प्राचार्य की मेडीकल रिपोर्ट में उन्हें क्लीनचिट दी गई चूंकि वे एक रसूखदार अधिकारी है, इसलिए उन्हें प्रशासनिक एवं राजनैतिक संरक्षण मिल रहा है। आवासीय परिसर में रहने वाले कर्मचारी तक उनके खिलाफ बोलने से डर रहे है। अगर इतनी बड़ी घटना नहीं हुई होती तो भला कौन व्यक्ति झूठी रिपोर्ट कर अपनी पत्नी की अस्मिता और गरिमा को दांव पर लगाता।
पीड़ित शिक्षिका का पति
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इस मामले की जांच पन्ना एसडीओपी को सौंपी गई है। जांच में जो भी तथ्य सामने आयेगें उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जायेगी।
रियाज इकबाल ,एसपी पन्ना