
रविवार को दोपहर 12 बजे नगरनिगम के सेवा दिवस कार्यक्रम में सांसद अनूप मिश्रा ने कहा कि भागदौड़ की जिंदगी में हम संस्कारों को भूल गए हैं। हम अपने आसपास के परिवेश की सफाई तो करते हैं लेकिन झाडू लगाकर कचरे को बाहर सड़क पर फेंक देते हैं। महिलाएं घर के कचरे को पॉलीथिन की पन्नी में पैक कर उसे सड़क पर नाले-नालियों में फेंक देती हैं। दरअसल महिलाएं ही सबसे अधिक गंदगी करती हैं, इसलिए हमें खुद ही सफाई के लिए संस्कारित होने की जरूरत है। हमने ऐसा नहीं किया तो हम टीबी, डायरिया व डिप्थीरिया जैसी बीमारियों को नहीं रोक पाएंगे।
स्वच्छता कार्यक्रम में जब स्वास्थ्य मंत्री रूस्तम सिंह की बारी आई तो उन्होंने कहा कि वे सांसद की बात से सहमत नहीं हैं। महिलाएं तो सफाई पसंद होती हैं। मैं नहीं मानता कि महिलाएं गंदगी करती हैं। उनकी मजबूरी है कि उनके घर के बाहर, उनकी गली में और प्रमुख चौराहों पर नगरनिगम ने डस्टबिन ही नहीं रखे हैं। ऐसे में वे कचरे को पॉलीथिन में पैक कर इधर-उधर फेंकती हैं तो उनकी व्यवस्था है। हालांकि अपने भाषण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री को यह एहसास हो गया कि उन्होंने सांसद की बात को काट दिया है आैर यह बात अनूप मिश्रा को नागवार लग सकती है। इसलिए बाद में भाषण में उन्होंने सांसद मिश्रा की तारीफ भी की।