अहमदाबाद। कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने बताया कि भारत के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल जी की जो मूर्ति बन रही है, वो भी चाइना में बन रही है, ये शर्म की बात है। बता दें कि भाजपा सरकार गुजरात में सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित करने जा रही है। इसका ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले किया था। यह देशभक्ति से जुड़ा प्रसंग है, जबकि भाजपा चीनी उत्पादों का विरोध भी देशभक्ति का एक चरण बताती है।
राहुल ने पाटीदारों के दबदबे वाले सौराष्ट्र में खाट सभा में चाय पर चर्चा की। खंभालिया में राहुल ने कहा, ''मोदी सरकार युवाओं को रोजगार देने में नाकाम रही है। देश में 30 लाख लोग रोजगार ढूंढ रहे हैं। नोटबंदी से इकोनॉमी बर्बाद हो गई। लोगों ने अपना कालाधन सफेद कर लिया। सारे पैसे आरबीआई में वापस लौट आए। पर प्रधानमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया।''
छोटे व्यापारियों को परेशान कर रहे हैं जीएसटी के नियम
जीएसटी एक नहीं, पांच टैक्स है। सरकार ने जीएसटी लाने में जल्दबाजी की। अभी हर महीने व्यापारियों को 3 फॉर्म भरने पड़ते हैं। बड़े व्यापारी तो आराम से ऐसा कर लेते हैं, क्योंकि उनके पास अकाउंटेंट होते हैं। पूरा फायदा किनको मिलता है, ये आप जानते हो। 5-6 कंपनियों को जमीन-बिजली मिल रही है।"
कारोबारियों का कर्ज माफ, किसानों का...
आज गरीब किसान बेहाल है, उसे फसल की सही कीमत नहीं मिल रही है। सरकार के पास गरीबों के लिए कुछ नहीं है। गुजरात में हमारी सरकार आई तो ये गरीबों, किसानों और युवाओं की सरकार होगी। सरकार ने सिर्फ 15 बड़े कारोबारियों का कर्ज माफ कर दिया, लेकिन किसानों के बारे में कभी नहीं सोचा। ये उनका गुजरात मॉडल है।
बैलगाड़ी पर सवार हो गए राहुल गांधी
गुजरात यात्रा के पहले दिन राहुल द्वारका के मंदिर गए। यहां विजिटर्स बुक में जब उन्होंने दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी का लिखा मैसेज देखा तो वह भावुक हो गए। राहुल द्वारका से जामनगर तक के करीब 130 किलोमीटर लंबे सफर में कई जगहों पर गांववालों से मिले। इस दौरान वे किसानों से बात करने के बाद बैलगाड़ी पर सवार हो गए।
पुलिस ने सिक्युरिटी देने से किया मना
पुलिस ने सुरक्षा कारणों के चलते द्वारका से जामनगर तक 135 किमी की दूरी में राहुल को खुली गाड़ी में निकलने की परमिशन नहीं दी। लिहाजा, राहुल ने सीसीटीवी कैमरे लगी हुई स्पेशल बस में सफर किया। द्वारका से 25 किमी दूर हंजरापार गांव में बैलगाड़ी में सवार हुए।