टॉयलेट बनवाने में नाकाम कलेक्टर ने कहा: इसे स्वच्छ भारत मिशन से जोड़ना ठीक नहीं

भोपाल। इन दिनों मध्यप्रदेश के कुछ कलेक्टर्स भी सत्ताधारी पार्टी के नेताओं जैसे बयान देने लगे हैं। पिछले दिनों ऐसे ही कुछ कामों और बयानों के कारण एक कलेक्टर को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। अब शिवपुरी कलेक्टर भी ऐसे ही बयान दे रहे हैं। उनकी नाक के नीचे स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग के आॅफिस में टॉयलेट नहीं है। शासन ने महिला अधिकारी को पदस्थ कर रखा है। कलेक्टर अब तक एक टॉयलेट नहीं बनवा पाए और जब इस बारे में मीडिया से बात की तो कहने लगे इस समस्या को स्वच्छ भारत मिशन से जोड़ना ठीक नहीं। 

शिवपुरी में शिवाली चतुर्वेदी आदिम जाति कल्याण विभाग की जिला संयोजक हैं। वे कुछ दिन पहले यहां पदस्थ हुई हैं। उनके दफ्तर में महिलाओं के लिए टॉयलेट नहीं था। इसके कारण उन्हें परेशानी होती थी। अंत में उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में ही एनआईसी के दफ्तर में अपना ऑफिस शिफ्ट कर लिया। वे कहती हैं कि दफ्तर में यह सुविधा तो होनी चाहिए। शिवाली चतुर्वेदी ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर को जानकारी दे दी है और वे फिलहाल दूसरे दफ्तर में बैठकर सरकारी कामकाज निपटा रही हैं। 

वहीं शिवपुरी कलेक्टर तरुण राठी कहते हैं कि टॉयलेट की समस्या को स्वच्छ भारत मिशन से जोड़ना ठीक नहीं है। यह सही है कि लेडी अफसर के दफ्तर में टॉयलेट नहीं है। इसलिए वे दूसरे दफ्तर में बैठ रही हैं। टॉयलेट के लिए संबंधित एजेंसी से कहा गया है और इसके लिए बजट में प्रावधान किया जा रहा है, तभी टॉयलेट बन पाएगा।

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