नई दिल्ली। प्रधानमंत्री द्वारा कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान खोजने की अपील के बाद पहली बार गृहमंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को कश्मीर पहुंचे। आतंकवादियों को मार गिराने वाले बयान देने वाले राजनाथ यहां शांति का संदेश लेकर आए परंतु पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़ते हुए सीमा पर फायरिंग कर दी। बावजूद इसके गृहमंत्री ने साफ़ कर दिया कि वे खुले दिमाग से कश्मीर आये हैं और हर किसी से मिलने के लिए तैयार हैं।
इस चार दिवसीय दौरे में राजनाथ सिंह विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों से मुलाकात के साथ-साथ युवा छात्रों के साथ भी संवाद करेंगे। कश्मीर के बदले हुए हालात और समस्या के समाधान के लिए प्रधानमंत्री की नई अपील के मद्देनजर राजनाथ सिंह के दौरे को अहम माना जा रहा है। इसे कश्मीर में स्थायी शांति के लिए रणनीति के दूसरे चरण की शुरूआत के रूप में देखा जा रहा है।
यात्रा के दौरान गृहमंत्री सिंह घाटी में बदले हुए सुरक्षा के हालात का जायजा लेंगे और राज्य के विकास के लिए प्रधानमंत्री के 80 हजार करोड़ रुपये पैकेज के तहत चल रही परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और राज्यपाल एनएन वोहरा से भी उनकी मुलाकात तय है। इसके अलावा विभिन्न केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवानों के साथ-साथ विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों के साथ भी मुलाकात करेंगे।पिछले एक साल के दौरान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राज्य पुलिस के जवानों की केंद्रीय भूमिका रही है।
सुरक्षा तैयारियों व विकास योजनाओं की समीक्षा के अलावा राजनाथ सिंह की कोशिश नई परिस्थितियों में राज्य के आम आदमी की भावनाओं को समझने की होगी। इसके लिए वे 50 से अधिक प्रतिनिधिमंडलों के साथ मुलाकात करेंगे। गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजनाथ सिंह से मुलाकात के लिए विभिन्न क्षेत्रों, वर्गों व समूहों के प्रतिनिधिमंडल का बड़ी संख्या में अनुरोध मिला है। राज्य के युवाओं के साथ सीधा संवाद कायम करने के लिए वे श्रीनगर में छात्रों से भी मुलाकात करेंगे।
हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद भड़की हिंसा के दौरान पिछले साल सितंबर में राजनाथ सिंह ने कश्मीर का दौरा किया था। उस समय लगभग 30 प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडलों की लगभग दोगुनी संख्या घाटी में बदले हालात का संकेत है।
यात्रा के पहले ही राजनाथ सिंह ने कह दिया है कि वे किसी तरह का पूर्वाग्रह लेकर कश्मीर नहीं जा रहे हैं, बल्कि खुले मन से जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी उनसे मिलना चाहेगा, वे मिलने के लिए तैयार है, लेकिन आतंकी फंडिंग की जांच में बुरी तरह फंस रहे हुर्रियत नेता इस बार भी बातचीत के लिए आगे आने को तैयार नहीं है। वे राजनाथ सिंह के दौरे के विरोध में घाटी में बंद का एलान करने की तैयारी में हैं।