
2005 के पहले प्रदेश के कर्मचारियों को बोनस मिलता था पर सरकार द्वारा अब बोनस नही दिया जाता है। केंद्र सरकार बोनस का दायरा बढ़ाकर केंद्र शासित राज्यों के कर्मचारियों को भी बोनस दे रही है ऐसे में प्रदेश सरकार को भी प्रदेश के अराजपत्रित कर्मचारियों को बोनस देना चाहिए।
बता दें कि केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार बन जाने के बाद से स्थितियां बदल गईं हैं। अब तक लोग कई मामलों में इसलिए चुप हो जाते थे क्योंकि केंद्र और राज्य में अलग अलग दलों की सरकार है परंतु अब जबकि दोनों जगह एक ही पार्टी की सरकार है तो लोग उम्मीद करते हैं कि नीतियां भी एक जैसी ही होनी चाहिए। एक सरकार बोनस बांटे और दूसरी टैक्स लगाए यह तो गलत बात है ना।