
दिलीप गुप्ता सीबीआई के हाथ लगा या नहीं यह तो पता नहीं चल पाया है लेकिन यह जरूर पता चला है कि रविकरण गुप्ता के घर पर छापामार कार्यवाही से पहले पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन से पुलिस जवानों की मांग की गई। जिस पर पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली अनूपपुर से उन्हे पुलिस बल उपलब्ध कराया गया। इस संबंध में जहां सीबीआई भोपाल व जबलपुर से बात की गई तो इस पूरे मामले में उन्होने कुछ भी बताने से मना कर दिया।
पुलिस अधीक्षक सुनील गुप्ता ने भी इस संबंध में कुछ भी बताने से मना कर दिया गया। संभावना जताई जा रही है कि व्यापमं आरोपी दिलीप गुप्ता के नाम पर 10 हजार की इनाम की घोषणा भी है। लेकिन आरोपी अब तक सीबीआई के पकड से दूर है।
भोपाल में संपत्ति कुर्क हो चुकी है
भोपाल में कोर्ट के निर्देश पर व्यापमं घोटाले के आरोपी दिलीप गुप्ता की अगस्त 2014 में संपत्ति कुर्क कर ली गई थी। टीटी नगर नजूल वृत के तहसीलदार आरएल बागरी ने शाहपुरा स्थित अमन अपार्टमेंट में फ्लैट नंबर टी-1 कुर्क किया था। उल्लेखनीय है कि व्यापमं में दुग्ध संघ भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप दिलीप गुप्ता पर लगा है। वो फरार घोषित किया गया है।