गुड़गांव। रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 7 वर्षीय छात्र प्रद्युम्न की हत्या के बाद आज सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस मामले में सीबीआई जांच का ऐलान कर दिया। सरकार स्कूल को टेकओवर करने जा रही है। अगले 3 माह जब तक जांच चलेगी, स्कूल का संचालन सरकार करेगी। इतना ही नहीं रेयान के तीनों संचालकों को भारत छोड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। बच्चे के पिता ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर की है। सीबीआई जांच के फैसले के बाद पिता ने संतोष जाहिर किया है। बता दें कि इस मामले में आरोपी कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार कर लिया है परंतु पुलिस की कहानी एवं कार्रवाई पर सवाल उठ रहे है। लोग यह मानने को तैयार नहीं कि यह अचानक हुए हत्याकांड है। लोगों का कहना है कि यह एक योजनाबद्ध हत्याकांड है।
पिंटो फैमिली के विदेश जाने पर रोक
कोर्ट ने तीनों के विदेश जाने पर रोक लगा दी। वहीं, गुरुवार शाम तक गुड़गांव हाईकोर्ट में अपील करने के लिए कहा। गुड़गांव में एसआईटी ने हरपाल के अलावा सेक्शन-इन-चार्ज अंजु डुडेजा, निलंबित कार्यकारी प्रिंसिपल नीरजा बत्रा, पूर्वप्रिंसिपल राखी वर्मा, बस ड्राइवर सौरभ राघव, बस कॉन्ट्रैक्टर हरकेश प्रधान और 8 सुरक्षा गार्ड्स से भी पूछताछ की। बता दें कि ग्रुप के सीईओ रेयान पिंटो, उनके माता-पिता ग्रेस पिटों और ऑगस्टाइन पिंटो ने गिरफ्तारी के डर से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की पिटीशन लगाई है।
केस की सुनवाई हरियाणा से बाहर करने की अपील
उधर, स्कूल मैनेजमेंट के वकील केटीएस तुलसी ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि इस केस की सुनवाई हरियाणा से बाहर दिल्ली के साकेत कोर्ट में कराई जाए। सुप्रीम कोर्ट इस पर 18 सितंबर को सुनवाई करेगा।
क्या है मामला?
गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में शुक्रवार को (8 सितंबर) को 7 साल के बच्चे का मर्डर कर दिया गया था। बॉडी टॉयलेट में मिली थी। इस मामले में पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को अरेस्ट किया था। आरोपी अशोक 8 महीने पहले ही स्कूल में कंडक्टर की नौकरी पर लगा था। अशोक ने मीडिया को बताया, ''मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। मैं बच्चों के टॉयलेट में था। वहां गलत काम कर रहा था। तभी वह बच्चा आ गया। उसने मुझे देख लिया। मैंने उसे पहले देखा, धक्का दिया। फिर खींच लिया। वह शोर मचाने लगा तो मैं डर गया। फिर मैंने उसे दो बार चाकू से मारा। उसका गला रेत दिया।
अब तक तीन लोग अरेस्ट
इस मामले में हरियाणा पुलिस ने अब तक मुख्य आरोपी कंडक्टर अशोक कुमार, एचआर हेड फ्रांसिस थॉमस और भोंडसी स्थित स्कूल कोऑर्डिनेटर को अरेस्ट किया है। वहीं, 55 से ज्यादा लोगों से पूछताछ हो चुकी है। फोरेंसिक टीम भी स्कूल में उस स्पॉट की जांच कर चुकी है, जहां बच्चे का मर्डर किया गया था।
एजुकेशन डायरेक्टोरेट को भेजी रिपोर्ट, 15 दिन में जवाब मांगा
रेयान इंटरनेशनल स्कूल की जांच रिपोर्ट डिप्टी कमिशनर विनय प्रताप सिंह ने सोमवार को सेकंडरी एजुकेशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर को भेज दी है। स्कूल मैनेजमेंट से 15 दिन में जवाब मांगा है। बता दें कि डिप्टी कमिशनर को तीन मेंबर वाली जांच कमेटी ने रविवार को रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें कई खामियां मिली थीं। ऐसे में स्कूल पर कार्रवाई एजुकेशन डायरेक्टोरेट करेगा। डिप्टी कमिशनर ने कहा कि स्कूल में सीसीटीवी कैमरे कम थे, ड्राइवर और कंडक्टर के लिए अलग से टॉयलेट नहीं था। बच्चों के टॉयलेट सुरक्षित नहीं थे। स्कूल की बाउंड्री वॉल टूटी थी। रैंप नहीं थे। आग बुझाने वाले सिलेंडर्स की डेट एक्सपायर हो चुकी थी। इम्प्लॉइज का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं था।
स्कूलों की सुरक्षा पर SC ने केंद्र और राज्यों को जारी किया नोटिस
स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा तय करने की मांग संबंधी एक पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी किया है। इस पर तीन हफ्ते में जवाब मांगा गया है। यह पिटीशन वकील आभा शर्मा और कुछ अन्य वकीलों ने दायर की है। इसमें कहा गया है कि स्कूलों में सुरक्षा को लेकर गाइडलाइंस तो हैं, लेकिन उन्हें कोई फॉलो नहीं करता।
CBSE ने भी जारी की थी गाइडलाइन
बच्चों की सिक्युरिटी के संबंध में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने गुरुवार को स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी की थी। इसमें सेफ्टी ऑडिट, सीसीटीवी, पुलिस वेरिफिकेशन, साइकोमेट्रिक एवैल्युएशन, पैरेंट्स-टीचर-स्टूडेंट कमेटी का जिक्र किया गया।
गाइडलाइन में कहा गया...
1) सीबीएसई की गाइडलाइन्स नहीं मानने पर स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
2) स्कूल के स्टाफ को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए, ताकि वे बच्चों को किसी भी तरह के अब्यूज से बचाने की अपनी जिम्मेदारी को समझे और निभा सकें।
3) स्कूल कैम्पस में बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह से स्कूल अथॉरिटीज की होगी। यह एक बच्चे का फंडामेंटल राइट है कि वो पढ़ाई कर सके और उसे ऐसा माहौल मिले, जिसमें वो खुद को सुरक्षित महसूस कर सके। उसके मन में किसी तरह के अब्यूज या हैरेसमेंट का डर ना हो।
4) स्कूल सेक्शुअल हैरेसमेंट कम्प्लेंट कमेटी बनाएं। पाक्सो एक्ट के तहत कमेटी बनाई जाए। लोगों, स्टाफ, पैरेंट्स और स्टूडेंट की शिकायतों पर ध्यान देने के लिए भी अलग से कमेटी बनाई जाए।