गुडगांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के मामले में CBSE ने अपनी जांच पूरी करने के बाद स्कूल को एक नोटिस जारी किया है. साथ ही रेयान स्कूल प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा है कि आखिर क्यों न उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाए. सीबीएसई की जांच रिपोर्ट में रेयान स्कूल की घोर लापरवाही का खुलासा हुआ है. सीबीएसई के मुताबिक स्कूल में सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया गया. स्कूल ने सुरक्षा के सारे मापदंडों को ताक पर रखा हुआ था. सूत्रों के मुताबिक सीबीएसई ने अपनी जांच रिपोर्ट में रेयान स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी खामियां पाई हैं. CBSE का मानना है कि अगर रेयान इंटरनेशनल स्कूल सुरक्षा मापदंडों का पालन करता तो प्रद्युम्न की जान नहीं जाती. स्कूल की लापरवाही के चलते ही यह घटना घटी है.
रेयान स्कूल ने सीबीएसई की ज्यादातर गाइडलाइंस को पूरा नहीं किया था, जो कि सीबीएसई हर साल स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर जारी करती है. सीबीएसई के ज्यादातर मापदंडों को रेयान स्कूल ने पूरा नहीं किया था. रेयान स्कूल में सबसे बड़ी खामी ये पाई गई कि स्कूल में जो टॉयलेट था, उसे स्टाफ और बच्चे दोनों इस्तेमाल कर रहे थे. जबकि स्टाफ के लिए अलग से टॉयलेट स्कूल बिल्डिंग के बाहर होना चाहिए.
इसके अलावा ज्यादातर स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं था. प्रिंसिपल परमानेंट नहीं था. स्कूल में बहुत कम संख्या में सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे थे. स्कूल बहुत छोटी बाउंडरी वॉल थी. यही नहीं सीबीएसई ने कहा कि इस मामले में स्कूल ने FIR दर्ज करने की कोई पहल भी नहीं की.
आखिरकार प्रद्युम्न के पिता को ही पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करानी पड़ी. इन सभी बातों का जिक्र करते हुए सीबीएसई ने रेयान इंटरनेशनल स्कूल को नोटिस जारी किया है. साथ ही स्कूल प्रबंधन से 15 दिनों के भीतर इस पर जवाब देने को कहा है.