भोपाल। चिरायु अस्पताल के डॉक्टरों ने जिसे मृत घोषित कर दिया था, वो जिंदा निकला। अस्पताल ने जिस मरीज का शरीर शव बताकर परिजनों को सौंपा था, वो एंबुलेंस में घर पहुंचने से पहले ही उठकर बैठ गया। उठते ही उसने बोला हरि ॐ। यहां बात बैरागढ़ में रहने वाले 76 साल के मोटूमल वासवानी की जो रही है जिन्हे 6 सितम्बर को हार्टअटैक आया था। डॉक्टरों ने उन्हे वेंटिलेटर पर लिया और फिर मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के अनुसार भोपाल के बैरागढ़ में रहने वाले 76 साल के मोटूमल 200 संस्थाओं में पदाधिकारी हैं। वासवानी को 6 सितंबर को दिल का दौरा पड़ा था। इसके बाद से उनका इलाज भोपाल के चिरायु अस्पताल में चल रहा था। सोमवार को अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। मंगलवार सुबह लगभग 7 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।
इसके बाद परिजनों ने रिश्तेदारों को मोटूमल वासवानी के निधन की जानकारी दे दी थी। सूचना मिलते ही सैकड़ों लोग मोटूमल वासवानी के घर पहुंच चुके थे। फिर उनके अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी गई। अर्थी सजा दी गई। अंतिम क्रिया के लिए घर के सामने कंडों का धुआं भी कर दिया गया। श्मशान में किस जगह अंतिम संस्कार होगा ये निर्धारित कर वहां लकड़ियां डलवा दी गई।
कुछ रिश्तेदार बाहर से आने थे इसलिए अंतिम संस्कार का समय दोपहर 2 बजे का रखा गया। इधर घर पर भी रिश्तेदार और परिचित अस्पताल से शव आने का इंतजार कर रहे थे। अस्पताल की जरूरी कार्यवाही के बाद मोटूमल को शव वाहन में रखकर घर लाया जा रहा था। शव वाहन जैसे ही बैरागढ़ के चंचल चौराहे के पास पहुंचा, मोटूमल उठकर बैठ गए और बोले 'हरि ॐ..मुख्खे कैडा ता खणी हलो ता' (हरि ओम मुझे कहां ले कर जा रहे हो)।
यह देखकर शव वाहन में बैठे परिजन चौक गए और उन्हें फौरन घर लेकर पहुंचे। घर पर ही मौजूद डॉ.शीतल बालानी ने उनका चेकअप किया और उन्हें फौरन एलबीएस अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी।