
न्यायमूर्ति वंदना कासरेकर की एकलपीठ ने व्यवस्था दी है कि यदि 16 अक्टूबर तक आदेश का पालन सुनिश्चित कर दिया गया तो अधिकारियों को हाईकोर्ट में हाजिरी से स्वत: माफी मिल जाएगी लेकिन ऐसा न होने पर उन्हें पेश होना पड़ेगा। मामले की सुनवाई के दौरान अवमानना याचिकाकर्ता सहदेव सिंह यादव की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा।
उन्होंने दलील दी कि अवमानना याचिकाकर्ता को सेवा संबंधी भुगतान रोककर परेशान किया जा रहा है। इसके खिलाफ पूर्व में याचिका के जरिए हाईकोर्ट की शरण लेने पर आयुक्त स्कूल शिक्षा और संयुक्त संचालक कोषालय के खिलाफ वारंट जारी किए गए थे। इसके बाद दोनों ने हाजिर होकर जानकारी पेश की। इसके बावजूद मूल समस्या यथावत रही। इसीलिए अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी।