नई दिल्ली। बीटेक के एक स्टूडेंट ने व्लू व्हेल चेलेंज गेम का खुलासा कर दिया है। उसने बताया है कि किस तरह ब्लू व्हेल का एडमिन खेल खेल के बहाने खिलाड़ी के दिमाग पर कब्जा कर लेता है और उसने सारी दुनिया से अलग कर देता है। वो किस तरह खिलाड़ी को भड़काता है और निराश कर देता है। वो खिलाड़ी को गर्व की अनुभूति भी कराता है लेकिन यह भी समझा देता है कि उसके अलावा दुनिया में उसका प्रशंसा कोई नहीं करता। चुनौतियों से जूझने और जीतने की लत लगाई जाती है, अंतिम चुनौती होती है सुसाइड। यह हर खिलाड़ी के लिए अलग होता है और जिस तरह से वो पहला टास्क पूरा करता है। उसका अध्ययन करने के बाद उसे दूसरा टास्क दिया जाता है ताकि वो चंगुल में फंसा रहे। इस खेल के चंगुल में केवल वही फंस सकता है जिसकी आयु 15 से 20 साल के बीच हो या फिर जिसके पास तर्कशक्ति का अभाव हो। सबसे मजेदार बात यह है कि जिन्हे अच्छी अंग्रेजी नहीं आती, वो हर हाल में इससे सुरक्षित हैं।
उत्तरप्रदेश के बरेली में रहने वाले बीटेक के छात्र शुभम के मुताबिक वह 2012 से ऑनलाइन गेम खेल रहा है। कई चुनौतीपूर्ण गेम खेले और जीते। अब चुनौतियों का सामना करना अच्छा लगता था और जीतने पर गर्व महसूस होता था। क्लच ऑफ़ क्लैंस के बाद सोचा अब इसके आगे क्या होता है। मैंने ब्लू व्हेल को गूगल प्ले स्टोर पर सर्च किया लेकिन वहां नहीं था। दरअसल यह एपीके फाइल पर है लेकिन फाइल वह फाइल नहीं है। जब आप उसे खोलेंगे तो वह आप से लिंक मांगता है जो कि सीधे ब्राउज़र पर खुलता है और उसी के जरिए खेलना होता है। यह कोई एप नहीं है। क्लच ऑफ़ क्लैंस आप एप से खेलते हैं लेकिन इसे आप सीधे साईट और ब्राउज़र से खेलेंगे।
ब्राउज़र पर पहुंचने के बाद मैसेज आता था अपनी लोकेशन ऑन करो। आपका नाम और पता सब कुछ। इसके बाद छोटे-छोटे चेलेंज आते थे। जैसे मछली पकड़ना, मछली के पीछे भागना। उससे 300 पॉइंट स्कोर करना पड़ता था। मुझे मजा आने लगा। मेरे लिए तो तीन दिन में पॉइंट स्कोर करने पड़ते थे लेकिन मैं 120 पर पहुंचता तो रोक दिया जाता। अब मुझे पता चला कि कैसे तीन दिन में 300 पॉइंट स्कोर करने को कहा गया। मुझे इसकी लत लग गई। उसके बाद मुझसे कहा गया अपने बांह पर गाली लिखो। और यह गाली सभी की दिखनी चाहिए।
शुभम ने बताया कि ब्लू व्हेल का जाल सिर्फ किशोरों के लिए है, क्योंकि इसमें कोई व्यस्क नहीं फंस सकता। किशोर इसलिए फंस रहे हैं क्योंकि उन्हे गेम में चुनौतियां पूरा करने की लत लग गई होती है और ब्लू व्हेल इसका फायदा उठाता था। पहले छोटे-छोटे गेम खेलो टास्क कम्पलीट करो। फिर आपको और अच्छे गेम मिलेंगे। उसके बाद एक और टास्क।
शुभ ने बताया कि मेरा पहला टास्क था अपने शोल्डर पर कुछ लिखकर घूमना, जो कि अपने आप में प्रताड़ित महसूस करवाता है। मैंने पहला टास्क कम्पलीट किया। 6 अगस्त को मैसेज आया बधाई आपने अपना पहला टास्क पूरा कर लिया।
दूसरे टास्क के लिए मैसेज आया। आप सुबह उठकर 4.20 पर उठकर एक मूवी देखो जो क्यूरेटर भेजेगा। क्यूरेटर ब्लूव्हेल के एडमिन का नाम है। उन्होंने मुझे विडियो का लिंक भेजा अपने साईट पर। ठीक वैसे ही जैसे स्काईपिंग होती है। मूवी का नाम था हौन्टिंग ऑफ़ क्रोनिक 2, वो मुझे लाइव देख रहे थे और मैं मूवी को देख रहा था। मूवी देखने के बाद मैं काफी देर तक सोचता रहा। मैं सोच रहा था टास्क कम्पलीट हो गया लेकिन इसका रिजल्ट नहीं आया।
मुझे 7 अगस्त को मैसेज आया कि आपका टास्क कम्पलीट हो गया। इसके बाद मुझे तीसरा टास्क मिला। तीसरा टास्क मिलने के बाद मैं परेशान हो गया। तीसरा टास्क था ब्लू व्हेल की टेल का अपने हाथ पर कट लेना। यह टास्क अपने आप में झुंझला देने वाली बात थी। खून से क्यों खेलें। हम तो गेम खेल रहे हैं। इसके बाद मैं उन्हें नेगलेक्ट करने लगा।
दो-तीन दिन तक जब मैंने टास्क कम्पलीट नहीं किया। तो वो मुझे उकसाने लगे। यू कैन डन (तुम कर सकते हो)। आप बिलकुल कर सकते हो। इसके बाद परिवार के खिलाफ भड़काने लगे। आपके पेरेंट्स आप को प्रताड़ित करते हैं। एक तरह से मनोवैज्ञानिक दबाव डालते हैं ताकि खेलने वाला मानसिक रूप से उनके चंगुल में फंस जाए और अपने पेरेंट्स व दुनिया की किसी भी बात पर भरोसा ना करे। इसका लास्ट टास्क होता है सुसाइड कर लो। ये दुनिया तुम्हारे लिए नहीं है।