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टीआई कमला नगर आशीष भट्टाचार्य के अनुसार सीमा ने गुरुवार रात अपना गुनाह कबूल करते हुए बताया कि सुरेश छोटी-छोटी बातों पर उससे झगड़ा करते थे। उसे रुपए भी नहीं देते थे। मैं उनसे इतनी परेशान हो चुकी थी कि एक बार मैंने चींटी मार जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश तक की थी, लेकिन मैं बच गई थी। उन्होंने अपने जीपीएफ का 80 फीसदी शुभम के नाम कर दिया था।
मैं उनकी दूसरी पत्नी थी इसलिए वे मुझ पर ध्यान नहीं देते थे। मंगलवार सुबह भी रुपयों को लेकर वे मुझसे झगड़ना करने लगे। इसी दौरान धक्का लगने से सुरेश दीवार से टकराकर जमीन पर गिर गए। मुझे कुछ समझ में नहीं आया और मैंने गुस्से में उनका गला दबाना शुरू कर दिया। वह तड़फड़ाते रहे, लेकिन मैंने उनका गला नहीं छोड़ा और उनकी मौत हो गई।
बचने के लिए बनाई नई कहानी
सीमा ने पुलिस को बताया कि पुलिस से बचने के लिए मैंने सेफ्टीपिन से उनके पैर सांप के काटे जैसे दो निशान बनाकर मकान मालिक को बुला लिया। कर्मचारी को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उसकी तो पहले ही मौत हो चुकी थी। लेकिन पीएम रिपोर्ट में हत्या का खुलासा हो गया। कमला नगर पुलिस ने मंगलवार शाम ही सुरेश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होने के बाद सीमा को हिरासत में ले लिया था, लेकिन वह सांप डंसने की बात पर ही अड़ी रही। पुलिस को उससे सच निकलवाने में 48 घंटे लग गए। इस दौरान वह थाने में कुर्सी पर सिर झुकाए बैठी रही।