
मगर, जीएसटी के कारण बढ़ती कीमतों सरकार को आने वाले समय में भारी पड़ सकती है क्योंकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में लोगों का गुस्सा फूट सकता है। कंज्यूमर इंगेजमेंट प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स द्वारा किए गए सर्वेक्षण में करीब 54 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जीएसटी आने के बाद उनके मासिक खर्च में 30 फीसद तक की वृद्धि हुई है।
सरकार की उम्मीद के उलट केवल छह फीसद यानी 9,000 से अधिक उत्तरदाताओं ने कहा कि उनके मासिक खर्च में कमी आई है। लोकल सर्कल्स में भाग लेने वाले करीब 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जीएसटी के लागू होने के बाद उनके मासिक भोजन और किराने के बिल में 30 प्रतिशत तक की बढ़त हुई है। केवल सात प्रतिशत अपने मासिक भोजन और किराना बिल में कमी की सूचना देते हैं।