गोरखपुर/उत्तरप्रदेश। ये तो अंग्रेज शासन काल जैसा हो गया। वो भी प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद लगान माफ नहीं करत थे। यहां भी बाढ़ पीड़ित व्यापारियों पर जीएसटी का जुर्माना ठोक दिया जाने वाला है। वाणिज्य कर विभाग ने कारोबारियों को दो दिन का मौका और देते हुए चेताया है कि 5 सितंबर तक रिटर्न नहीं जमा करने वालों पर 200 रुपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा।
एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद केन्द्रीय कमेटी के निर्देश पर राज्य कर आयुक्त ने यूपी के कारोबारियों को यह छूट दी थी कि जुलाई महीने का रिटर्न 20 जुलाई तक दाखिल कर सकते हैं। गोरखपुर जिले में इसका कोई खास असर नहीं पड़ा तो अंतिम तिथि पांच दिन और बढ़ा कर 25 अगस्त की गई। इस बीच शहर क्षेत्र के करीब 50 फीसदी पंजीकृत कारोबारियों ने ऑनलाइन रिटर्न जमा कर दिया।
बचे लोगों में से दस फीसदी शहरी कारोबारियों ने 30 अगस्त तक जुर्माने के साथ रिटर्न दाखिल किया। मगर शेष बचे कारोबारियों, खास तौर से ग्रामीण क्षेत्र के कारोबारी अब भी रिटर्न दाखिल करने को लेकर गंभीर नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्र के कारोबारियों में से अब तक दस फीसदी से भी कम लोगों ने रिटर्न दाखिल किया है।
बाढ़ में फंसे लोगों की मांग पर विभाग ने पांच सितंबर तक बिना जुर्माने के लिए रिटर्न दाखिल करने की मोहलत दी है। विभाग ने सभी सेक्टर अधिकारियों को ऑनलाइन पंजीकृत कारोबारियों की सूची व अन्य डिटेल उपलब्ध करा दिया है। इस हिदायत के साथ कि रिटर्न नहीं भरने वालों पर दबाव डाल कर रिटर्न दाखिल कराएं। 5 सितंबर की तिथि बीत जाने के बाद सभी को प्रति दिन 200 रुपये के हिसाब से जुर्माना जमा करना होगा, तभी रिटर्न स्वीकार होगा।
एडिशनल कमिश्नर विजय कुमार ने बताया कि हम लोग भी बाढ़ पीड़ितों के कष्ट में उनके साथ हैं मगर जीएसटी के अनुसार रिटर्न दाखिल कराना मजबूरी है। उन्हीं के लिए दो दिन का समय और बढ़ाया गया है, इसके बाद सभी को जुर्माना जमा करना होगा।