नई दिल्ली। चीन का एक सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स चीन को सारी दुनिया का दुश्मन बनाकर ही दम लेगा। भारत और जापान के बीच हुए समझौतों पर ग्लोबल टाइम्स ने बेवजह टिप्पणी की है। लिखा है कि भारत ओर जापान मिलकर भी चीन को चुनौती नहीं दे सकते। भारत के बुंदेलखंड में इस तरह की हरकत को 'बैठी भैंसों में लट्ठ मारना' कहते हैं। भारत और जापान के लिए शिक्षा और व्यापार को लेकर समझौते हुए हैं। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने चीन के कप में तो चाय तक नहीं पी, फिर भी ग्लोबल टाइम्स फड़फड़ा रहा है।
ग्लोबल टाइम्स के एक ओप-एड ने कहा, "भारत-जापान की दोस्ती एक युक्ति से काफी ज्यादा है और दोनों के द्वारा एक गंभीर विचार दिए बिना चीन को चुनौती दिए जाने की संभावना नहीं है। चीन को विश्वास है कि कोई भी एशियाई देश चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनौती नहीं दे सकता और न ही वे एक साथ समूह बना सकते हैं। चीन एशिया में आर्थिक सहयोग के मुख्य केंद्र में रहा है। भू-राजनीति के भू-आर्थिक स्थिति के खिलाफ जाने की संभावना नहीं है।
विमान बिक्री-खरीद पर भी परेशान हुआ था चीन
दोनों नेताओं द्वारा अपने देश की रक्षा और सुरक्षा संबंधों को बढ़ाए जाने की संभावना है। साथ ही यूएस-2 उभयचर विमान की बिक्री का मुद्दा भी सामने आ सकता है। पिछले साल चीन ने इन विमानों की बिक्री भारत को किए जाने की संभावना पर गुस्सा जाहिर किया था। लेख में कहा गया है, "ऐसा करने से भारतीय रणनीतिक सर्कल की कमजोर भावना चीन के सामने उजागर हो गई है।"
पहले भड़काया फिर कहा टकराव नहीं चाहते
उन्होंने कहा, "भारत, अमेरिका और जापान के साथ गठबंधन कर चीन को अपनी रणनीतिक क्षमता दिखाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता है। यह कदम भारतीय समाज की मानसिकता की हताश जरूरतों के अनुरूप है। चीन का जापान और भारत के साथ विशाल व्यापार भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय व्यापार पर दबदबा रखता है। यह देखते हुए, टोक्यो और नई दिल्ली इस गंभीर विचार को देखते हुए चीन को चुनौती नहीं दे सकते है। अखबार ने कहा, "चीन भारत के साथ विशिष्ट समस्याओं पर असहमत होने पर भी समस्याओं का समाधान करना चाहता है। चीन सक्रिय रूप से भारत या जापान के साथ रणनीतिक टकराव नहीं चाहता।