इंदौर। कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से लेकर बिहार तक सिर्फ एक हेल्पलाइन लोगों की जान बचा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि इसका संचालन सरकार नहीं कर रही बल्कि एक ऐसी संस्था कर रही है जो सरकार से किसी भी प्रकार की मदद तक नहीं लेती। इस संस्था का नाम है रक्तमित्र। नंबर है 97555-50555, समाज में इस तरह की कोशिशें आजकल बहुत कम देखने को मिलतीं हैं। ज्यादातर लोग सोशल मीडिया पर अपना वक्त बेकार की बातों में बिता देते हैं परंतु इस संस्था के सदस्यों ने उसी खाली वक्त में वो कर दिखाया जो सरकार नहीं कर पाई।
इस संस्था के फाउंडर यश पाराशर हैं। वे बताते हैं कि जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से लेकर बिहार तक कहीं भी किसी को भी खून की जरूरत होती है तो उनकी संस्था कुछ ही देर में उस मरीज के लिए डोनर उपलब्ध करवा देती है। फिलहाल संस्था के पास औसत रोज 70 फोन कॉल खून के लिए आते हैं। इनमें से लगभग 90 फीसदी लोगों की जरूरत को पूरा कर दिया जाता है। इस संस्था से छात्र, प्रोफेशनल, व्यापारी लगातार जुड़कर अपना ब्लड ग्रुप और मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड करवा रहे हैं। संस्था के एक सदस्य के मुताबिक कई बार ऐसे भी मामले आते हैं कि परिजन खुद अपने मरीज को खून नहीं देना चाहते हैं।
एक बार एक लड़के ने अपनी मां को यह कह कर खून देने से इंकार कर दिया कि वह जिम जाता है इसलिए वह खून नहीं दे सकता है। संस्था के मुताबिक देशभर में 15 हजार रक्तमित्र उनसे जुड़े हए हैं। उनको यह देशभर में नेटवर्क स्थापित करने में करीब चार साल लग गए। ब्लड ग्रुप डायरेक्टरी फाउंडर यश ने ब्लड ग्रुप के हिसाब से मोबाइल में डायरेक्टरी बना रखी है। जब किसी जरूरतमंद का फोन आता है तो वह ब्लड ग्रुप के हिसाब से सर्च करते हैं। उन्होंने इस डायरेक्टरी में व्यक्ति का ब्लड ग्रुप, फिर उसका नाम और आखिर में नंबर सेव किया है।