इंदौर। जंजीरवाला चौराहा स्थित बिल्डिंग की पांचवीं मंजिल से एक युवा कर्मचारी अभिषेक लौवंशी ने शनिवार दोपहर कूदकर आत्महत्या कर ली। वह बड़े भाई के साथ ऑफिस में नौकरी करता था। दो दिनों से वह ऑफिस नहीं आ रहा था। भाई उसे ऑफिस लेकर पहुंचा तो कैंटीन में उसने चाय पी उसके बाद बाउंड्रीवॉल पर चढ़कर कूद गया। नीचे गैलरी में वह गिरा तो उसके सिर के टुकड़े हो गए। भाई का कहना है कि वो आॅफिस आना नहीं चाहता था। अब सवाल यह है कि ऐसा क्या था जो वो आॅफिस आना नहीं चाहता था और जब दवाब बनाकर लाया गया तो उसने सुसाइड कर लिया।
पुलिस के मुताबिक नेहरू नगर निवासी अभिषेक लौवंशी (22) जंजीरवाला चौराहा स्थित आइडिया ऑफिस के कॉल सेंटर में जॉब करता था। अभिषेक के साथ बड़ा भाई भूपेंद्र भी उसी ऑफिस में जॉब करता है। दोनों भाई दोपहर एक बजे ऑफिस पहुंचे। भूपेंद्र दूसरी मंजिल पर पहुंचा और अभिषेक पांचवीं मंजिल स्थित कैंटीन में गया। वहां उसने चाय पी, फिर बाउंड्रीवॉल पर चढ़कर छलांग लगा दी। हादसा देख सिक्युरिटी गार्ड ने ऑफिस कर्मचारियों को सूचना दी। पुलिस ने शव को एमवाय अस्पताल भेजा। अभिषेक मूलतः बांकाबेड़ी (होशंगाबाद) का था। वह बीकाम प्रथम वर्ष का छात्र था। उसने आईटीआई भी किया था। परिवार में माता-पिता, भाई व दो बहनें हैं। उसके पिता डोरीलाल किसान हैं। इंदौर में भूपेंद्र और अभिषेक किराए के मकान में रहते थे।
लड़कियों ने मचाया शोर, कूद गया अभिषेक
आइडिया ऑफिस के कर्मचारियों से पता चला कि कैंटीन में पहुंचने के बाद अभिषेक ने चाय पी। उसके बाद बाहर घूमता रहा। बाउंड्रीवॉल पर चढ़ने के दौरान कैंटीन में दो-तीन लड़कियां भी थीं। उन्होंने शोर मचाते हुए कैंटीन वालों से उसे बचाने को भी कहा था, लेकिन कर्मचारी दौड़े तब तक वह कूद चुका था।
ऑफिस जाने से कतरा रहा था
भूपेन्द्र के मुताबिक 14 सितंबर को मेरा जन्मदिन था, जिसे हमने साथ में मनाया। रात को अभिषेक मुझे ऑफिस लेने आया। वह दो दिन से ऑफिस नहीं जा रहा था। इसकी वजह तबीयत खराब होना बताया। शनिवार दोपहर में उन्होंने साथ में खाना खाया। वह ठीक से नहीं खा रहा था। मैं उसके लिए ग्लूकोज लेकर आया। उसके बाद ऑफिस चलने को कहा। वह ऑफिस जाना नहीं चाहता था, लेकिन मैं उसे ऑफिस लेकर आ गया। वह गिरा तो एक साथी ने आकर सूचना दी। उसके कूदने की वजह हमें नहीं पता है। परिवार से भी कोई समस्या नहीं थी। ऑफिस में भी कोई विवाद नहीं था।
मेधावी छात्र था
परिजन ने बताया अभिषेक मेधावी छात्र था। वह हर कक्षा में प्रथम श्रेणी में पास होता था। उसके 70 से ज्यादा प्रतिशत बनते थे। अभिषेक ने आईटीआई करने के बाद भोपाल में जॉब की। उसके बाद पांच महीनों से इंदौर में जॉब कर रहा था। अभिषेक ही भूपेन्द्र को यहां लेकर आया था। उसी ने कॉल सेंटर में जॉब भी लगवाई थी। इस घटना के पीछे ऑफिस के अधिकारियों का कहना है कि अभिषेक लड़खड़ाकर गिर गया है। वहीं, कुछ ने चुप्पी साध ली। जबकि बाउंड्रीवॉल की ऊंचाई कंधे से ज्यादा है। ऐसी स्थिति में लड़खड़ाकर कोई गिर नहीं सकता।