ग्वालियर। यूजीसी से डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त ग्वालियर की लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (एलएनआईपीई) की बीपीएड की डिग्री अमान्य मानी जा रही है। इस डिग्री के आधार पर छात्रों को नौकरियां नहीं मिल रहीं हैं। झारखंड सरकार ने इस डिग्री को अमान्य मानते हुए अभ्यर्थियों को वापस लौटा दिया। झारखंड की कोर्ट ने भी डिग्री को अमान्य घोषित कर दिया। वो खेल प्रशिक्षक की नौकरी के लिए अप्लाई कर रहे थे। इस मामले को लेकर यहां बीपीएड और एमपीएड के अध्ययनरत और पासआउट छात्रों ने वीसी ऑफिस के बाहर जबरजस्त प्रदर्शन किया। साथ ही भरी दोपहरी में धरने पर बैठ गए।
एलएनआईपीई के स्टूडेट्स 5 सूत्रीय मांगों को लेरक धरने पर बैठे है, जिसमें बीपीएड की डिग्री के साथ-साथ यूनिवर्सिटी में छात्र संगठन और मौजूदा पढ़ाई के स्ट्रेक्चर पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। दरअसल यूजीसी से डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त ग्वालियर की लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (एलएनआईपीई) से बीपीएड की डिग्री करने वाले छात्र-छात्राओं को इस डिग्री के आधार पर कहीं नौकरी नहीं मिल रही। बिहार और झारखंड में नौकरी के लिए उन्होंने आवेदन किया, जहां उनकी डिग्री को मान्य नहीं किया गया।
इसके बाद वे डिग्री मान्यता को लेकर कोर्ट गए। कोर्ट ने भी डिग्री अमान्य कर दी। इसके बाद सैकड़ों छात्र सड़क पर आ गए हैं क्योंकि मोटी फीस देकर कड़ी मेहनत से बीपीएड की पढ़ाई की थी। संस्थान प्रबंधन ने उन्हें अवैध कोर्स की डिग्री थमाकर भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। इसके खिलाफ अब संबंधित छात्र-छात्राओं का गुस्सा फूट पड़ा है। सुबह से ऐसे छात्र-छात्राएं एलएनलाईपीई कैंपस में धरने पर बैठ गए हैं।
धरने पर बैठे छात्रों का कहना है कि जब बिहार और झारखंड में यहां की बीपीएड डिग्री से उन्हें नौकरी नहीं दी गई, तो वे झारखंड के कोर्ट में भी गए थे लेकिन कोर्ट से भी डिग्री अमान्य कर दी। इसके बाद वे कुलपति और कुलसचिव से इस मसले को लेकर मिले। कुलसचिव ने कहा कि डिग्री सही है। छात्रों ने कहा कि तो कोर्ट ने अमान्य क्यों की, जिस पर कुलसचिव भड़क गए और अभद्रता पर उतर आए। छात्रों की कोई सुनवाई नहीं की जा रही है, इसलिए छात्रों को मजबूरी में धरना देना पड़ा है। वहीं एलएनआईपीई प्रबंधन छात्रों के बीच समन्वय बैठाने की कोशिश कर रहा है।