भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को घोषणा की है कि खेती की जमीन पर यदि किसान खुद के लिए घर बनाता है या अपने लिए गोदाम बनाता है तो उसे डायवर्सन अनिवार्य नहीं होगा। सरकार की तरफ से किसान को कोई नोटिस नहीं आएगा। शिवराज ने यह बात समन्वय भवन में भावांतर योजना का पोर्टल लॉन्च करने के दौरान कही। शिवराज ने कहा कि भावांतर योजना में 500 रुपए की कोई सीमा नहीं होगी, जितना भी अंतर होगा वह सरकार देगी। जब मैंने यह निर्णय लिया तो अफसरों के हाथ-पांव फूल गए कि इतना बजट कहां से आएगा। मैंने किंतु-परंतु की चिंता नहीं की, जो होगा देखा जाएगा।
मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान किसानों ने कहा कि हम खेत में गोदाम या घर बनाते हैं तो राजस्व वाले नोटिस भेज देते हैं। इस पर सीएम ने कहा कि अब नहीं आएंगे। प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल ने कहा कि अभी यह घोषणा प्रक्रिया में है और वैसे भी गांवों में डायवर्जन का बहुत ज्यादा महत्व नहीं होता। इस पर किसानों ने कहा कि इस तरह के कई केस किसानों के ऊपर चल रहे हैं। इस पर सीएम ने कहा कि हमने तय कर दिया है, आपको कोई डायवर्जन नहीं कराना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जिस तरह के हालात हैं, उसमें यह जरूरी हो गया है कि किसान को दूसरे व्यवसाय से जोड़ा जाए। यह कृषि से जुड़े व्यवसाय भी हो सकते हैं। शिवराज ने स्वीकार किया कि प्रदेश में सूखे के गंभीर हालात पैदा हो चुके हैं। कई जिलों में न्यूनतम वर्षा भी नहीं हुई है। सरकार के सामने इस समस्या से निपटने की बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन इसका निदान भी है।
उन्होंने कहा कि किसानों से बड़ा पंडित कोई नहीं है, उनके बीच जाकर समस्या समझनी होगी। उन्होंने कहा कि किसान कृषि उत्पादन बढ़ाने की संभावनाएं अभी भी हैं। उन्होंने फिर दोहराया कि दूध का न्यूनतम मूल्य तय किया जाएगा। वहीं, प्रदेश के 378 नगरीय निकायों में किसान बाजार बनाकर बिचौलियों को खत्म करेंगे।